छठ पूजा का शुभारंभ उत्साह और उमंग से शुरू हुआ

Nov 5, 2024 - 17:49
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छठ पूजा का शुभारंभ उत्साह और उमंग से शुरू हुआ

जिला संवाददाता 

अमित गुप्ता 

उरई जालौन 

उरई (जालौन) चार दिवसीय महापर्व छठ की शुरुआत आज दिन मंगलवार से शुरूआत नहाए खाए से हो गई आज सुबह से ही जिन घरों में छठ पूजा की जाती है उन घरों की महिलाओं ने पूरे घर की धुलाई और सफाई की इसके बाद स्नान करने के पश्चात सूर्य भगवान और छठी माई की पूजा की इसके पश्चात शुद्ध शाकाहारी भोजन जिसमें लौकी की सब्जी चने की दाल और अरवा चावल बनाया यही भोजन प्रसाद के रूप में पहले भगवान को चढ़ाया इसके बाद उपवास करने वाले महिलाओं व पुरुषों ने इसे ग्रहण किया तथा इसके पश्चात परिवार के बाकी सदस्यों ने यही प्रसाद ग्रहण किया इस प्रसाद के ग्रहण करने के पश्चात अगले दिन शाम तक जिसे हम खरना पूजा कहते हैं शाम को खरनाका प्रसाद ग्रहण करने पर ही अपना निर्जला व्रत तोड़ते हैं रात भर महिलाएं जाग कर छठी माता के गीत गाती हैं और अगले दिन की पूजा के लिए प्रबंध करती हैं छठ पूजा करने वाली श्रद्धालु सुमन साहनी बताती हैं यह व्रत कठिन व्रत 

 में गिना जाता है इसमें पवित्रता और शुद्धता के साथ 36 घंटे का निर्जला व्रत भी है पर महिलाएं परिवार की खुशी के लिए यह पूजा बहुत श्रद्धा के साथ करती हैं और पता भी नहीं चलता कि यह चार दिवसीय पर कब समाप्त हो गया इस व्रत में मातृशक्ति को भी सलाम किया जाता है कि वह निर्जला व्रत होते हुए भी घंटों पानी में खड़े होकर भगवान सूर्य को अर्ध्य देती है 

इस अवसर पर छठ पूजा समिति के अध्यक्ष संजय साहनी ने कहा कि छठ पूजा सूर्य के प्रति कृतज्ञ ता का व्यक्त करने का पर्व है वेदों में छठ पूजा का उल्लेख है छठ पूजा के दौरान किए गए अनुष्ठान ऋग्वेद में बने थे जिसमें सूर्य की पूजा की जाती है उसे समय विषयों को सूर्य की पूजा करने के लिए भी जाना जाता था वह अपनी ऊर्जा सीधे और से प्राप्त करते थे ऐसा कहा जाता है कि महाभारत काल में अपना सारा राज पाठ जब पांडव हार गए तो उन्होंने सूर्य भगवान की पूजा की थी इसके अलावा इस पर्व का एक सिर त्रेता युग से भी जुड़ा हुआ है प्राचीन ग्रंथो के अनुसार राम और उनकी पत्नी सीता ने छठ का उपवास किया था तब से छठ पूजा हमारी भारतीय सांस्कृतिक परंपरा का एक उत्सव सा बन गया जिसे हर साल उत्साह से मनाया जाता है यह उत्सव सूर्य के प्रति कृतज्ञ दर्शाने का दिन है और हमारे जीवन का अभिन्न अंग है हमारे अस्तित्व का आधार ही सूर्य है इसमें सूरज को अर्ध देना आवश्यक है यह सुबह शाम के समय किया जाता है 

इस अवसर पर संजीव साहनी ने बताया छठ पूजा को सूर्य छत या डाला छठ के नाम से भी संबोधित किया जाता है वैसे तो लोग उठाते हुए सूर्य को प्रणाम करते हैं लेकिन छठ पूजा एक ऐसा अनोखा पर्व है जिसकी शुरुआत डूबते हुए सूर्य की आराधना से होती है छत शब्द सस्ती से आता है जिसका अर्थ है छत इसलिए त्यौहार कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष में मनाया जाता है कार्तिक माह की चतुर्थी से शुरू होकर सब सप्तमी तक मनाया जाने वाला यह त्यौहार चार दिनों तक चलता है मुक्त पूजा कार्तिक में के शुक्ल पक्ष के छठे दिन की जाती है छठ पूजा का व्रत सुख समृद्धि और आरोग्यता से जुड़ा होता है इस व्रत का मुख्य उद्देश्य परिवार की सुख शांति और समाज में भाईचारे का संबंध बना रहे यही छठ पूजा है।

उधर छठ पूजा की तैयारी रामकुंड पार्क में माननीय विधायक श्री गौरीशंकर वर्मा छठ पूजा समिति के अध्यक्ष संजय साहनी नगर पालिका अधिशासी अधिकारी सफाई निरीक्षक ने छठ पूजा की तैयारी को परखा और जो कमियां पाई गई उसे जल्द ही ठीक करने के लिए कर्मचारियों को आदेशित किया इस अवसर पर छठ पूजा समिति के अध्यक्ष संजय साहनी डॉक्टर संजय सेंगर अजय सिंह पंडित धनंजय संजय झा भारत सिंह संजीव साहनी खुशहाल साहनी आदि लोग उपस्थिति रहें।

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