पांचाल-विश्वकर्मा समाज के ग्यारह जोड़े परिणय सूत्र में बंधे

कोंच (जालौन) उरईरोड स्थित सुप्रसिद्ध सिद्ध पीठ हुल्कादेवी मंदिर अपार्टमेंट पड़री नाका के परिसर में श्री पांचाल-विश्वकर्मा नवयुवक कल्याण समिति के तत्वाधान में आयोजित सामूहिक विवाह सम्मेलन में समाज के ग्यारह जोड़ों ने वैदिक रीति से अग्नि के सात फेरे लेकर दाम्पत्य जीवन में प्रवेश किया। नवयुगलों को आशीर्वाद देने के लिए तमाम गणमान्य नागरिकों, बुद्घजीवियों और जन प्रतिनिधियों ने यहां शिरकत की।हरिशंकर तजपुरा की अध्यक्षता में आयोजित पांचाल विश्वकर्मा समाज के इस अठारहवे सामूहिक विवाह सम्मेलन के मुख्य अतिथि पालिकाध्यक्ष प्रदीप गुप्ता ने कहा, ऐसे सम्मेलन सामाजिक एकजुटता का प्रतिबिंबन करते हैं। उन्होंने कहा कि आज हर आदमी मंहगाई की मार से जूझ रहा है, ऐसे में इन सामूहिक विवाह सम्मेलनों की उपादेयता और भी अधिक बढ़ जाती है। सम्मेलन में नगर के सैकड़ो गणमान्य मौजूद रहेअन्य अतिथियों ने भी संबोधित करते हुए विवाह सम्मेलन को औरों के लिए प्रेरणास्पद बताया। संचालन राजेन्द्र दुबे ने किया। इससे पूर्व आयोजन समिति के पदाधिकारियों अध्यक्ष नरेंद्र विश्वकर्मा उपाध्यक्ष सुरेंद्र विश्वकर्मा मंत्री रानू विश्वकर्मा उपमंत्री रोहित हर्ष विश्वकर्मा मीडिया प्रभारी संदीप विश्वकर्मा रामराजा विश्वकर्मा सहित तमाम लोगों ने मंचस्थ अतिथियों का माल्यार्पण कर स्वागत किया।विद्वान ब्राह्मणों आदि ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच जोड़ों के पाणिग्रहण संस्कार संपन्न कराए। सभी नवयुगलों को समिति की ओर से गृहस्थी में उपयोग आने वाला तमाम सामान उपहार स्वरूप भेंट किया गया।इस अवसर पर कुल 11 जोड़ों का विवाह संपन्न हुआ, जिसमें रोशनी देवी-योगेंद्र सिंह, अनुराधा-सोनू, शिल्पी-दीपक कुमार, अंगूरी-रामलखन, पूजा देवी-जीतू, विमला-गौरव, सीमा-अंकुर, विनीता-उमेश कुमार, प्रिंसी-धीरज, रश्मि-अभिषेक, पिंकी-रोहित कुमार** के वैवाहिक बंधन में बंधने पर शुभकामनाएं दी गईं। समिति के आयोजकों ने बताया कि वे भविष्य में भी इस तरह के सामूहिक विवाह समारोहों का आयोजन करते रहेंगे ताकि समाज में सामूहिक विवाह की परंपरा को प्रोत्साहन मिले और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को सहयोग मिल सके।
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