रामपुरा ब्लॉक मनरेगा भुगतान का विवाद जिलाधिकारी की चौखट तक पहुंचा

Jul 3, 2025 - 18:43
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रामपुरा ब्लॉक मनरेगा भुगतान का विवाद जिलाधिकारी की चौखट तक पहुंचा

उरई, जालौन। विकास खण्ड रामपुरा क्षेत्र पंचायत एंव ग्राम पंचायतो के द्वारा मनरेगा के तहत कराये गये पक्के कामो के भुगतान हेतु फीड की गई विवादास्पद एफटीओ का विनोद विकासखंड कार्यालय रामपुरा से आगे बढ़कर जिलाधिकारी की चौखट तक पहुंच गया है।

ज्ञात हो कि दिनांक 2 जुलाई को विकासखंड रामपुरा में मनरेगा के पक्के कामों की पक्षपात पूर्ण ढंग से की गई एफटीओ फीडिंग को लेकर ग्राम प्रधान संगठन एवं क्षेत्र पंचायत के समर्थक ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि तेज प्रताप सिंह उर्फ निक्की में वाद विवाद हुआ था जिसकी शिकायत ग्राम प्रधानों द्वारा थाना रामपुरा में दी गई थी।

आज गुरुवार को विकासखंड रामपुरा के लगभग 32 प्रधानों ने जिला अधिकारी कार्यालय उरई पहुंचकर अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि वर्ष 2023-2024 एवं वर्ष 2024-2025 के ग्राम पंचायतों द्वारा मनरेगा के तहत कराए गए पक्के कामों का भुगतान नहीं हुआ है जबकि क्षेत्र पंचायत द्वारा कराये गये काम के हर वर्ष पूरे भुगतान करा दिये जाते है। इस बार भी 93 एफ०टी०ओ० की फीडिंग थी व्यवहारिक रुप से जिस क्रम में एफटीओ फीडिंग थी उसी क्रम से भुगतान लगा दिये जाते लेकिन ब्लाक प्रमुख अजीत सिंह सेंगर के इशारे पर फीडिंग डिलीट करवा दी गई एंव क्षेत्र पंचायत के 10 एफटीओ फीड कर दिये गये। ग्राम प्रधानों ने प्रार्थना पत्र में बताया कि पिछले वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 के अमृत सरोबर जैसे महत्वपूर्ण योजना के छोटी धनराशि के भुगतान ना करवा कर क्षेत्र पंचायत की बड़ी धनराशि के भुगतान करवाया जाना न्यायोचित नहीं है। जिलाधिकारी कार्यालय पर मौजूद ग्राम प्रधानों ने स्वयं को पंचायती राज व्यवस्था की प्रथम एव कमजोर इकाई बताते हुए अपने साथ हो रहे अन्याय पर पीड़ा ब्यक्त की। प्रधान संघ के अध्यक्ष मनजीत सिंह प्रधान मजीठ ने बताया कि वह 2 जुलाई बुधवार को खंड विकास अधिकारी रामपुरा को अपनी समस्या से संबंधित प्रार्थना पत्र देने के बाद बैठक कर अपने-अपने विचारो की अभिव्यक्ति कर रहे थे उसी दौरान तथाकथित ठेकेदार एवं ब्लाक प्रमुख रामपुरा अजीत सिंह सेंगर का प्रतिनिधि तेज प्रताप सिंह उर्फ निक्की सिंह पुत्र शंकर सिंह सेंगर निवासी ग्राम बहादुरपुर थाना कुठौंद वहां पर आया व प्रधानों को अपशब्द कहने लगा, जिसका विरोध जगम्मनपुर ग्राम प्रधान प्रज्ञादीप गौतम ने किया तो वह उन्हें गाली गलौज कर जान से मारने की धमकी देकर जाति सूचक शब्दों के साथ अपमानित करने लगा। इस घटना की लिखित सूचना ग्राम प्रधानों द्वारा रामपुरा थाना पुलिस को दी गई।

जिलाधिकारी को दिए गए प्रार्थना पत्र में ग्राम प्रधानों ने ग्राम पंचायत द्वारा कराए गए मनरेगा के पक्के काम के बकाया भुगतान हेतु पुरानी फीडिंग बहाल कराने व निष्पक्ष ढंग से एफटीओ फीडिंग के क्रमानुसार भुगतान कराने एवं दबंग ठेकेदार तेज प्रताप सिंह उर्फ निक्की सिंह सेंगर के विरुद्ध कार्यवाही करने की की मांग की है। इस अवसर पर मनजीत सिंह प्रधान मजीठ, प्रज्ञादीप गौतम प्रधान जगम्मनपुर सौरभ सिंह राजावत ग्राम प्रधान जायघा, रामशंकर पाल मिर्जापुर जागीर, इंद्रजीत सिंह राठौर मानपुरा ,गुड्डी देवी प्रधान धूता, अरविंद सिंह परिहार प्रधान हनुमंतपुरा, प्रदीप कुमार जाजेपुरा, प्रहलाद सिंह प्रधान बाबूपुरा, गीता देवी प्रधान खुशीपुरा सुरई लक्ष्मी देवी, ओमप्रकाश प्रधान रामपुरा देहात, सुनील कुमार प्रधान हमीरपुरा, योगेश कुमार प्रधान हुसेपुरा जागीर, गोलू कुमार जमरेही सानी ,भानु प्रताप सिंह प्रधान उदोतपुरा, प्रभादेवी रज्जन पाल प्रधान मई,नीलम देवी रमेश कुशवाहा प्रधान बहराई, देवेंद्र कुमार प्रधान पचोखरा, सत्येंद्र सिंह प्रधान हिम्मतपुर ,मुकेश शिवहरे, प्रमोद कुमार राठौर गुपलापुर आदि कई ग्राम पंचायतो के प्रधान एवं प्रधान प्रतिनिधि मौजूद थे।

10-10 एफटीओ की फीडिंग की न्यायोचित नहीं 

प्रधान संघ के अध्यक्ष मनजीत सिंह ने कहा कि ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह सेंगर द्वारा 10 एफटीओ ग्राम पंचायत एवं 10 एफटीओ क्षेत्र पंचायत की फीडिंग का प्रस्ताव रखा गया है जो न्यायोचित नहीं है क्योंकि क्षेत्र पंचायत के एक एफटीओ भुगतान का अमाउंट ग्राम पंचायत के एक एफटीओ अमाउंट से कई गुना अधिक होता है अतः शासन द्वारा प्राप्त धनराशि का 80% हिस्सा क्षेत्र पंचायत में चला जाएगा एवं शेष बची 20% धनराशि 44 ग्राम पंचायत के हिस्से में आएगी। ग्राम पंचायत के अधिक भुगतान होने के बावजूद शासन से प्राप्त धनराशि का आधा आधा भुगतान फीडिंग क्रमानुसार ग्राम पंचायत एवं क्षेत्र पंचायत के मध्य कर दिया जाए तो उचित रहेगा।

ब्लॉक परिसर में दलालों का बोल वाला 

ग्राम प्रधान जगम्मनपुर प्रज्ञादीप गौतम ने कहा कि विकासखंड कार्यालय रामपुरा में दलालों का एवं अधिक कमीशन देकर काम करने वालों का बोलवाला है । सरकार की लोक कल्याणकारी नीतियों को कुचलते हुए यह धन पिपाशु लोग सरकार की योजनाओं को संचालित करने के लिए निर्गत किए गए धन को लूटने में लगे हैं जिससे सरकार की छवि खराब हो रही है। यदि इन धन पिपासु दलालों पर लगाम नहीं कसी जाएगी तो हम प्रधानों को विकास कार्यों व सरकार द्वारा संचालित लोक कल्याणकारी योजनाओं से विरत होना पड़ेगा।

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