यमुना नदी में बाढ़ का पानी खतरे के निशान पर, प्रशासन अलर्ट

कालपी जालौन कोटा बैराज से 4 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से वुधवार को भी यमुना नदी के उफनाने का सिलसिला जारी रहा। कालपी में 5- 6 सेमी प्रति घंटा की रफ्तार से बढ़ कर यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान 108 मीटर पर छू गया है। यमुना नदी में बाढ़ की संभावनाओं को देखते हुए नवांतुक एसडीएम तथा तहसीलदार ने दिन भर बाढ़ प्रभावित इलाकों में घूम-घूम कर ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
विदित हो कि कालपी में यमुना नदी पर खतरे का निशान 108 मीटर पर है। जबकि चेतावनी प्वाइंट 107 मीटर पर दर्ज है।मंगलवार की को यमुना नदी का जल स्तर 106. 60 मीटर पर था। यमुना नदी का जलस्तर 5- 6 सेंटीमीटर प्रति घंटे के हिसाब से बढ़ कर वुधवार की दोपहर को 107.80 मीटर से ऊपर पहुंच गया है। केन्द्रीय जल आयोग केंद्र कालपी प्रभारी रूपेश कुमार के अनुसार कोटा बैराज से करीब 4 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद यमुना के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। जिससे आगामी समय में यमुना का जल स्तर खतरे के निशान से 108 मीटर से ऊपर पहुंचने की पूरी संभावना है यदि कोटा बैराज से और भी पानी छोड़ा गया तो हालत खराब हो सकते हैं।मालूम हो कि यमुना नदी का जलस्तर शनिवार 26 जुलाई 100.32 मीटर पर था। लेकिन शनिवार से जलस्तर में तेजी से बढ़ने का सिलसिला जारी हुआ है। केंद्रीय जल आयोग सूत्रों के मुताबिक गुरुवार की सुबह तक जलस्तर बढ़ाने की संभावना है।
इंसेट
एसडीएम ने बाढ़ राहत चौकियों को सतर्क किया
कालपी जालौन
यमुना नदी में बाढ़ की वजह से पुलिस विभाग तथा प्रशासन वुधवार को दिनभर सतर्क रहा। उप जिलाधिकारी मनोज कुमार सिंह, क्षेत्राधिकारी अवधेश कुमार सिंह, तहसीलदार अभिनव कुमार तिवारी कोतवाल परमहंस तिवारी दिनभर बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा करते रहे। प्रशासन के द्वारा तटवर्ती क्षेत्रों में स्थापित बाढ़ ग्रस्त चौकिया को सतर्क कर दिया गया है।
इंसेट
सड़कों के डूबने से दर्जन ग्रामो का सम्पर्क कटा,
विधायक प्रतिनिधियों ने एसडीएम से भेंट कर व्यवस्थाओ का जायजा लिया
अमित गुप्ता
कालपी जालौन
कालपी/जालौन वुधवार को भी यमुना नदी के उफनाने तथा बाढ़ के कारण सहायक नून नदी पर मंगरोल- पड़री मार्ग का रपटा जलमग्न हो गया है। वही यमुना नदी की बाढ़ से रायढ़ नाला की पुलिया डूब जाने तथा सड़क जलमग्न हो जाने से कालपी - रायड़ दिवारा
मार्ग पूरी तरह से अवरुद्ध हो गया है। दूसरे दिन भी दर्जन भर ग्रामों का सम्पर्क कटा होने से ग्रामीणों को आवागमन में दिक्कत हुई। एसडीएम मनोज कुमार सिंह तथा तहसीलदार अभिनव कुमार तिवारी से क्षेत्रीय विधायक विनोद चतुर्वेदी के प्रतिनिधियों मनोज चतुर्वेदी तथा आशीष चतुर्वेदी ने मुलाकात करके बाढ़ प्रभावित इलाकों के लिए शासकीय सुविधाओं तथा व्यवस्थाओ को लेकर चर्चा की।बाढ़ से सड़क तथा रपटा जलमग्न हो जाने से कालपी मुख्यालय से पड़री,नरहान,दहेलखंड,उरकरा कला समेत आधा दर्जन ग्रामो का आवागमन ठप्प हो गया है। वही कालपी से गुलौली, रायड़ दिवारा,सुरौली,सुरौला आदि गांवों का आवागमन ठप्प हो जाने से ग्रामीणो को दिक्कत से जूझना पड़ रहा है।
फोटो - यमुना नदी के किनारे निरीक्षण करते अधिकारी
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