अध्यापकों के न आने से बच्चों का हो रहा भविष्य खराब
कोंच(नदीगांव) सरकार द्वारा शिक्षा को लेकर कई योजनाएं चलाई जा रहीं है जिससे बच्चे स्कूलों की ओर आकर्षित हों और शत प्रतिशत साक्षरता का लक्ष्य प्राप्त हो सके जिसके लिए सरकार प्राथमिक व जूनियर स्तर पर मध्यान्ह भोजन योजना किताबें ड्रेस आदि सुविधाएं उपलब्ध करा रही है लेकिन सरकार की मंशा की मंशा के विपरीत सरकार के मातहत अध्यापक सरकार के आदेशों का खुला उलंघन कर रहे है जबकि अध्यापन के लिए सरकार द्वारा मोटी रकम अध्यापकों को दी जाती है मामला नदीगांव बिकास खण्ड के ग्राम रानीपुरा स्थित प्राथमिक विद्यालय का है जहां पर नोनिहाल शिक्षा प्राप्त करने के लिए विद्यालय तो आते हैं लेकिन वहां कार्यरत तीनों अध्यापक 10 बजे आते है और पंचयात के साथ समय पास कर बगैर शिक्षा दीक्षा के चले जाते है जिससे शिक्षार्थियों का भविष्य चौपट हो रहा है वहीं ग्राम के निवासियों ने बताया कि एक महीने से बच्चों का खाना भी नहीं बन रहा है जिससे बच्चे भूखे प्यासे शिक्षा अध्धयन के लिए बैठे रहते है लेकिन अध्यापकों को उनकी सुधि नहीं होती जबकि पूर्व में भी ऐसी ही खबर समाचार पत्रों में प्रकाशित हुई थी जिस पर वेसिक शिक्षा अधिकारी ने अध्यापकों से जबाब मांगा था लेकिन उसके बाबजूद भी अध्यापकों का रबैया जस के तस रहा जिससे लगता है कि बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा अध्यापकों पर कठोर कार्यवाही नहीं की गयी या फिर आपसी समझौता हो गया जब पुनः उक्त के सम्बंध में बेसिक शिक्षा अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने मामला संज्ञान में आने की बात कही और कड़ी कार्यवाही का आश्वासन दिया अब देखना होगा कि पूर्व की भांति ढाक के तीन पात होते है या फिर दूध का दूध और पानी का पानी होता है यह तो आने वाला समय ही बतायेगा।
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