आजादी के 70 साल बाद भी लोग बैलगाड़ी से वोट डालने को मजबूर
अमित गुप्ता
कदौरा जालौन
कदौरा/जालौन एक तरफ चुनाव के दौरान निर्वाचन आयोग ज्यादा से ज्यादा मतदान करवाने का प्रयास करता है वही दूसरी तरफ क्षेत्र के रामदास के डेरा के वोटरों को आज भी पांच किलोमीटर दूर जा कर मतदान करना पड़ रहा है और इसके लिए गांव के वाशिंदो के लिए साइकिल व बैलगाड़ी सहारा बनी है क्यों की उक्त गांव से बूथ तक कोई भी वाहन न चलने से मतदाताओं को अपने वाहनों से आना पड़ता है ।
गौरतलब है की ब्लाक क्षेत्र के ग्राम पंचायत मरगाया के मौजा रामदास के डेरा में लगभग 350 वोटर है जिनमे से अधिकांश वोटर वोट डालने से वंचित रह जाते है क्यों की उनके गांव में निर्वाचन आयोग द्वारा बूथ न बनाने से उन्हे पांच किलोमीटर दूर मरगाय जा कर वोट डालना पड़ता है और इसके लिए गांव से कोई भी साधन नहीं होता है गांव निवासी सुरेंद्र संजय कुमार अरुण सिंह अवधेश आदि लोग बताते है की जिस दिन मतदान होता है तो हम लोग मरगाया जाने वाली सड़को पर घंटो वाहन का इंतजार करते है और साइकिल बैलगाड़ी जो भी अन्य वाहन निकलते है उसी में बैठ कर वोट डालने जाते है वोट डालने के चक्कर में पूरा दिन बर्बाद हो जाता है क्यों की वापसी में भी वाहन का इंतजार करना पड़ता है अगर किसी प्रत्यासी के वाहन पर बैठ कर जाते है तो दूसरे दल को बुरा लगता है और रंजिश हो जाती है ।
इनसेट
कदौरा । ब्लाक क्षेत्र के रामदास के डेरा में प्राथमिक विद्यालय तो मौजूद है लेकिन बूथ न बनने से अधिकांश वोटर मरगाया जा कर मत नही डालते है इनमे सबसे अधिक महिलाएं होती है क्यों की पुरुष मतदाता तो घर से निकल कर मतदान करने पहुंच जाते है लेकिन महिलाए कम निकलती है ।
इनसेट
कदौरा । रामदास के डेरा में 95 प्रतिशत आबादी एक ही समाज की है जो की एक पार्टी का वोट है जिस पर दूसरी पार्टियां ज्यादा प्रयास नही करती है वही जिस समाज का वो वोटर है
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