अंधाधुंध जल दोहन से बढ़ा पेयजल संकट
रोहित कुमार गुप्ता
उतरौला/बलरामपुर क्षेत्र में घट रहे भूमिगत जल स्तर के बीच बड़े तालाबों व पोखरों का पानी नाली में बहाने से जहां जलस्तर में और कमी आनी तय है वहीं बेसहारा व जंगली पशुओं पक्षियों को भी पीने का पानी न मिलने की समस्या हो रही है। नगर क्षेत्र के सुभाषनगर के कटिया डीह के सबसे बड़े क्षेत्रफल वाले तालाब का पानी को ट्यूबवेल से निकालकर उसे खाली कर दिया गया है। इसी तरह सुभाषनगर शव दाह स्थल के बगल स्थित हाटन ताल को सुखाने के लिए दिन रात पंपिंग सेट चल रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इतनी बड़ी मात्रा में जल दोहन के बाद उनके घरों में लगे हैंडपंप दिन भर में कई बार सूखने लगे हैं। इन बड़े तालाबों पर पशुपालक अपने गोवंश व भैंसों को नहलाने का काम करते आ रहे थे। इसके अतिरिक्त पक्षी व बेसहारों पशुओं की पेयजल की जरूरतें भी पूरी हो रहीं थी। इस संबंध में एसडीएम अवधेश कुमार से पूछे जाने पर उनका कहना था कि सार्वजनिक तालाबों का पानी केवल आखेट के लिए बरबाद करना गैरकानूनी है। राजस्व टीम को भेजकर स्थलीय सत्यापन कराया जाएगा।
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