अवैध स्कूली वाहनों का सड़क पर नहीं किया जाए इस्तेमाल, एआरटीओ सुरेश वर्मा ने जारी किए दिशा निर्देश
उरई (जालौन) सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी(प्रशा०/प्रर्व०) सुरेश कुमार ने बताया कि वर्तमान समय में जनपद के स्कूलों में पठन-पाठन का कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है। स्कूली चच्चों के आवागमन हेतु ज्यादत्तर स्कूली वाहनों का उपयोग किया जाता है। स्कूली बच्चों का सुरक्षित परिवहन प्रदेश सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है। स्कूली वाहनों की बढ़ती सड़क दुघर्टनाएँ अत्यन्त ही चिंता का विषय है। इसके लिये आवश्यक है कि स्कूली बच्चों को लाने-ले जाने वाले ऐसे सभी वाहनों को आवश्यक रुप से चेक कर उसकी फिटनेस, परमिट, बीमा, प्रदूषण आदि की वैधता समस्त स्कूली संचालक / प्रबन्धक / प्रधानाचार्य जाँच कर लें। अगर कोई भी प्रपत्र वैध नहीं है तो परिवहन कार्यालय में सम्पर्क स्थापित कर अपने वाहन के प्रपत्र की वैधता बढ़वा लें।
संज्ञान में आया है कि जनपद में मानकों के विपरीत बिना फिटनेस या स्कूल के नाम बिना पंजीकृत / अनुबंधित स्कूल वाहनों का संचालन किया जा रहा है। प्रायः जिला मुख्यालय से दूर विद्यालयों में मारुति वैन, मैजिक, ऑटो, ई-रिक्शा में बच्चों को विद्यालयों एवं अभिभावकों की सहमति से बिठाकर स्कूल भेजा जा रहा है, जो कि उत्तर प्रदेश मोटर यान नियमावली 2019 का स्पष्ट उल्लंघन है। अगर कोई भी विद्यालयी वाहन बिना वैध प्रपत्रों के मार्ग पर संचालित पायी जाती है तो उक्त वाहन के विरुद्ध उत्तर प्रदेश मोटर यान नियमावली की सुसंगत धाराओं में प्रवर्तन की कार्यवाही अमल में लायी जायेगी।
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