बरसात में भी यमुना की जलधारा घाटों से है दूर
जिला संवाददाता
अमित गुप्ता
कालपी(जालौन) बरसात के मौसम में भी कालपी में यमुना मैया की जलधारा को प्राचीन घाटों से बहुत दूर बह रही है। यमुना को घाटों तक लाने के लिये क्षेत्रीय विधायक के द्वारा प्रदेश के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को मांग पत्र सौपा है ।विधायक ने यमुना नदी को स्वच्छ तथा घाटों तक लाने की मांग की है।
मालूम हो कि जनपद जालौन तथा कानपुर देहात की सीमा में यमुना नदी बहती है। दरअसल यमुना नदी की जलधारा कालपी के घाटों से एक किमी. दूर छोड़कर कानपुर देहात की ओर चली गई है। जिससे श्रद्धालुओं तथा भक्तों को स्नान करने के लिए काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। विभिन्न पर्वों में श्रद्धालु कालपी में आकर यमुना नदी के घाटों में स्नान करते हैं, लेकिन जलधारा घाटों को छोड़कर चली गई है, जिस कारण अब श्रद्धालु यमुना में स्नान नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने जल शक्ति मंत्री को अगवत कराया है कि यमुना नदी के प्राचीन घाटों से यमुना नदी का पानी काफी दूर हो जाने से उसका स्वरूप बेरौनक हो गया है। उन्होंने कहा कि यमुना नदी की जलधारा को कालपी के प्राचीन घाटों तक लाने के लिए कार्य योजना तैयार करके कार्य शुरू कराया जाए। ताकि कालपी का पौराणिक तथा ऐतिहासिक स्वरूप कायम हो सके। बताया गया कि बरसात के मौसम में यमुना नदी की जलधारा घाटों से होकर गुजरती थी। जिससे विहंगम दृश्य दिखाई देता था। लेकिन इस साल बेरौनक होने की वजह से उजड़ा चमन दिखाई देता है।
फोटो - यमुना नदी के बेरौनक प्राचीन घाटों की हालत
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