विभाग की मिली भगत से चल रहा था नकली खाद का गोरख धंधा
कोंच (जालौन): जा मिलावट करन वाले की पहुंच ऊपर तलक रही, जासे वाको कोऊ कछू ना बिगाड़ पाव , नदी गांव के कन्हैई ही नहीं यहां के अधिकांश किसानों का यही कहना है। जब समितियों में खाद की कमी होती थी तो इसी प्राइवेट दुकानदार से मजबूरी में मिलावट वाली खाद आसपास के किसान खरीदते थे। यहां के किसानों की ओर से कृषि विभाग को एक नहीं कई बार बताया गया, मौखिक तौर पर नाम बताया गया कि नदीगांव के इस प्राइवेट दुकान में जिप्सम मिला कर डीएपी खाद का कारोबार हो रहा है। कई शिकायतों पर अधिकारी यहां आते और नमूना भर कर जांच कराने का वादा करके चले जाते थे। हर साल सीजन पर यह नमूना-नमूना का खेल अधिकारियों का जारी रहा लेकिन मजाल कि दुकानदार पर कोई आंच आई हो। भला हो एसओजी का जिनकी ओर से मामले का राजफाश हुआ और आरोपित हत्थे चढ़ गए नदीगांव में नकली खाद बन रही है इसकी भनक कृषि विभाग के अधिकारियों को पहले से ही थी 10 दिन पूर्व एक ट्रक खाद से लदा हुआ अधिकारियों ने पकड़ा भी था लेकिन दुकानदार ने जैविक खाद भरा होने का भरोसा दिलाकर उसे अधिकारियों से छुड़वा दिया था विभागीय मिली भगत के कारण नकली खाद का कारोबार लगातार फल फूल रहा था लेकिन एसओजी के सामने आने के बाद चंद ही दिनों में इस कारोबार का राजफाश सबके सामने हो गया इसकी शुरुआत तब हुई जब डकोर ब्लॉक के मुहम्मदाबाद के किसानो ने नकली खाद बेचे जाने की शिकायत की तब से एसओजी और स्थानीय प्रशासन नकली खाद पकड़ने में लग गए उन्होंने बंधौली से एक ट्रक का पीछा किया जो नकली खाद लादने के लिए निकली था उस ट्रक को कृषि विभाग के अधिकारी भी पहचानते थे क्योंकि वह वही ट्रक था जिसे जैविक खाद भरे होने की बात कहकर दुकानदार ने कुछ दिनों पूर्व कृषि विभाग के अधिकारियों से छुड़वाया था उस रात एसओजी के अधिकारी और कृषि विभाग के अधिकारी पूरी रात ट्रक की लुकेशन लेते रहे आखिर में वह ट्रक नदीगांव में निखिल खाद भण्डार के गोदाम पर पहुँचा और नकली खाद की बोरियां उसमें लोड होने लगी तभी एसडीएम ज्योति सिंह और एसओजी प्रभारी सतीश कुशवाहा ने उसे धर दबोचा तब कही जाकर 17 साल से चल रहे इस अबैध व्यापार का भंडाफोड़ पाया क्योंकि विभागीय अधिकारी तो नमूना नमूना खेल रहे थे और किसान मजबूर था और जानते हुए भी मजबूरी में दुकानदार से नकली खाद लेकर अपनी फसल में डाल रहा था क्योंकि उस बीहड़ पट्टी के किसानों को कही से खाद मिलने की उम्मीद भी नही थी दुकानदार का रुतवा इतना था कि समिति पर भी उसकी मर्जी से खाद पहुचा करती थी जिसमें उसे पूरा सहयोग भी जिम्मेदारों की ओर से मिला करता था यही कारण है कि हर वर्ष नदीगांव सहकारी समिति पर खाद की किल्लत होती जा रही है और किसान मजबूरी बस उक्त प्राइवेट दुकानदार से नकली खाद खरीदने पर बिबस हो रहा था दुकानदार जिला कृषि अधिकारी गौरव यादव कहते है कि मुख्य आरोपित अभी फरार है उसके पकड़े जाने के बाद और भी जानकारियां सामने आएगी।
What's Your Reaction?