राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 : एक परिचय - मनीष मिश्रा

Jul 29, 2023 - 17:42
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राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 : एक परिचय - मनीष मिश्रा

वीरेंद्र सिंह सेंगर

औरैया। शिक्षा से मानव की क्षमता का सर्वांगीण विकास होता है। राष्ट्रीय विकास को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा अत्यंत आवश्यक है । शिक्षा वह माध्यम है जिससे देश की समृद्धि प्रतिभा और संसाधनों का सर्वोत्तम विकास संवर्धन किया जाता है ।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 , 

- 21वीं शताब्दी की पहली शिक्षा नीति है । जिसका लक्ष्य हमारा देश के विकास के लिए अनिवार्य आवश्यकताओं को पूरा करना है,राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत की परंपरा और सांस्कृतिक मूल्यों के आधार को बरकरार रखते हुए 21वीं सदी की शिक्षा के लिए आकांक्षात्मक लक्ष्य की पूर्ति करता है।

शिक्षा की पिछली नीतियों का उद्देश्य मुख्य रूप से शिक्षा में पहुंच बनाना हैं ।1986 की राष्ट्रीय शिक्षा नीति जिसे 1992 में संशोधित किया गया था। इसके अधूरे कार्य को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 द्वारा प पूरी की गई है ।1986, 1992 की पिछली नीति के बाद से एक बड़ा कदम निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा अधिकार अधिनियम- 2009 जिसने सार्वभौमिक प्रारंभिक शिक्षा सुलभ कराने हेतु कानूनी आधार उपलब्ध करवाया।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति प्रणाली का उद्देश्य अच्छे इंसानों का विकास करना है जो तर्कसंगत विचार और कार्य करने में सक्षम हो जिसमें करुणा और सहानुभूति साथ ही लचीलापन, वैज्ञानिक चिंतन, रचनात्मक कल्पना शक्ति नैतिक मूल्य और आधार हो ।इसका उद्देश्य ऐसे उत्पादक लोगों को तैयार करना है जो संविधान द्वारा परिकल्पित समावेशी और बहुलतावादी समाज के निर्माण में योगदान दे सकें।

एक अच्छी शिक्षण संस्थान वे हैं जो प्रत्येक छात्र का स्वागत करें तथा सुरक्षित एवं प्रेरणादायक वातावरण मिल सके। जहाँ छात्रों को सीखने के लिए अनुभव बुनियादी ढांचे और उपयुक्त संसाधन प्राप्त हो सके।

शिक्षा के स्तर का सहज एवं समन्वय आवश्यक हैराष्ट्रीय शिक्षा नीति एक परिचय

शिक्षा से मानव की क्षमता का सर्वांगीण विकास होता है राष्ट्रीय विकास को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा अत्यंत आवश्यक है शिक्षा व माध्यम है जिससे देश की समृद्धि प्रतिभा और संसाधनों का सर्वोत्तम विकास संवर्धन किया जाता है,राशि शिक्षा नीति 2020 21वीं शताब्दी की पहली शिक्षा नीति है जिसका लक्ष्य हमारा देश के विकास के लिए अनिवार्य आवश्यकताओं को पूरा करना है राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत की परंपरा और सांस्कृतिक मूल्यों के आधार को बरकरार रखते हुए 21वीं सदी की शिक्षा के लिए आकांक्षा लक्ष्य की पूर्ति करता है

शिक्षा की पिछली नीतियों का उद्देश्य मुख्य रूप से शिक्षा की पहुंच बनाती हैं 1986 की राष्ट्रीय शिक्षा नीति जिसे 1992 में संशोधित किया गया था इसके अधूरे कार्य को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 द्वारा पूरा पूरी की गई है 1986 1992 की पिछली नीति के बाद से एक बड़ा कदम निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 जिसने सार्वभौमिक प्रारंभिक शिक्षा सुलभ कराने हेतु कानूनी आधार उपलब्ध करवाया

राष्ट्रीय शिक्षा नीति प्रणाली का उद्देश्य अच्छे इंसानों का विकास करना है जो तर्कसंगत विचार और कार्य करने में सक्षम हो जिसमें करुणा और सहानुभूति सास और लचीलापन वैज्ञानिक चिंतन रचनात्मक कल्पना शक्ति नैतिक मूल्य और आधार हो इसका उद्देश्य से उत्पादक लोगों को तैयार करना है जो संविधान द्वारा परिकल्पित समावेशी और बोलता वादी समाज के निर्माण में योगदान दे सकें

एक अच्छी शिक्षण संस्थान में है जो प्रत्येक छात्र का स्वागत करें तथा सुरक्षित एवं प्रेरणादायक वातावरण मिल सके जहां छात्रों को सीखने के लिए अनुभव बुनियादी ढांचे और उपयुक्त संसाधन प्राप्त हो सके

शिक्षा के स्तर कासहज जुडा़व एवं समन्वय आवश्यक है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आधार सिद्धांत निम्न है।

- हर बच्चे की विशेष क्षमताओं की स्वीकृति पहचान और उसके विकास हेतु प्रयास करना।

2.बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान को सर्वाधिक प्राथमिकता देना।

3. लचीलापन

4. कला और विज्ञान के बीच पाठ्यक्रम एवं पाठ्येतर गतिविधियों के बीच व्यवसायिक और शैक्षणिक धाराओं के बीच अलगाव न हो।

5.अवधारणात्मक समाज पर जोर।

6.रचनात्मक एवं तार्किक सोच।

7.बहुभाषिकता!

8.जीवन कौशल का विकास

9.सीखने के लिए सतत मूल्यांकन पर जोर देना!

10.तकनीकी के उपयोग पर जोर

शिक्षा के सार्वजनिक सेवा के भाव से किया जाए!

- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 10+2 वाली स्कूल व्यवस्था को उसे 3 से 18 वर्ष के सभी बच्चों के लिए पाठ्यचर्या और शिक्षण शास्त्रीय आधार पर 5+ 3 + 3 +4 की एक नई व्यवस्था को पुनर्गठित करने की बात करती है ।वर्तमान में उसे 6 वर्ष की उम्र के बच्चे 10 +2 वाले ढांचे में शामिल नहीं हैं !क्योंकि 6 वर्ष के बच्चों को कक्षा 1 में प्रवेश दिया जाता है !नए 5+3+3+4 ढांचे में 3 वर्ष के बच्चों को शामिल कर प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल औरशिक्षा ECCE कि एक मजबूत बुनियाद को शामिल किया गया हैl

 जिससे आगे चलकर बच्चों के विकास बेहतर हो वह बेहतर उपलब्धियां हासिल कर सके और खुशहाल हो।

 राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 का विजन है कि सभी भारतीय मूल्य से विकसित शिक्षा प्रणाली हो जो सभी को उच्चतम गुणवत्ता शिक्षा उपलब्ध कराएं और भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाकर जीवंत व न्याय संगत ज्ञान समाज में बदलने के लिए योगदान करती हो। इस शिक्षा नीति में यह परिकल्पित है कि हमारे संसाधनों की पाठ्यचर्या और शिक्षण विधि छात्रों में मौलिक दायित्व और संवैधानिक मूल्यों के साथ जुड़ाव और बदले परिवेश विश्व में नागरिक की भूमिका और उत्तरदायित्व की जागरूकता उत्पन्न करें राष्ट्रीय शिक्षा नीति का विजन छात्रों में न केवल भारतीय होने का गर्व बल्कि व्यवहार बुद्धि और कार्यों और साथ ही साथ ज्ञान कौशल मूल्यों को सोचने की बदलाव बुनियादी और वैश्विक कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हो ताकि सही मापने के में वैश्विक नागरिक बन सकें। 

- नई शिक्षा नीति नया बदलाव

नई शिक्षा नीति 2020 भारत की शिक्षा नीति है जिसे भारत सरकार द्वारा 29 जुलाई 2020 को घोषित किया गया। सन 1986 में जारी हुई नई शिक्षा नीति के बाद भारत की शिक्षा नीति में यह पहला नया परिवर्तन है। यह नीति अंतरिक्ष नहीं अभी क्लास में चाहिए वैज्ञानिक के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट पर आधारित है। 

नई शिक्षा नीति नया इतिहास लिखने के लिए तैयार हैl 30 साल के बाद हमारी शिक्षा में सुधार हेतु आज सरकार जागी है l नई शिक्षा नीति को कई साल पहले लागू कर देना चाहिए था और साथ ही साथ इसे बीच-बीच में नए नवाचार एवं नए अविष्कारों के साथ शिक्षा में लागू कर देना चाहिए था परंतु ऐसा नहीं हुआ, पर देर आए दुरुस्त आएl नई शिक्षा नीति के तहत यह देखने को मिला है की हम एक धूरी पर नहीं घूम रहे हैं बल्कि हम बच्चों में एक नई जिज्ञासा एवं उन्हें खुद करके सीखने के लिए एक मजबूत एवं दिशा प्रदान कर रहे हैं नई शिक्षा नीति में करिकुलर जाने की पाठ्यक्रम में फेरबदल शिक्षा जगत में एक क्रांति का संचार हुआ है जहां विद्यार्थी अब स्वतंत्र है कि विश यू से ऊपर उठकर वह सोच सकता है चाहे वह दूरस्थ शिक्षा हो रेगुलर शिक्षा प्रणाली विद्यार्थी स्वच्छंद रूप से अपने विद्या को ग्रहण कर सकता हैl

परिस्थितियों को देखा जाए तो अब शिक्षा घर घर यूं कहिए कि हर व्यक्ति के लिए आसान हो जाएगी lभारत का समाज शिक्षित एवं शिक्षा की तरफ अपना सुनहरा कदम एवं सुनहरा भविष्य बढ़ा सकता है एवं देख सकता हैl, अक्सर फिनलैंड की शिक्षा की तारीफ करते हैं परंतु अपनी शिक्षा प्रणाली में फेरबदल करने से डरते हैं आज वह समय आ गया है जब नए फेरबदल की बेहद आवश्यकता है भारत की शिक्षा प्रणाली एवं शिक्षा स्वरूप को बदलने के लिए

नई शिक्षा नीति 2020 से

लाभ:

1:नई शिक्षा नीति शिक्षार्थियों के एकीकृत विकास पर केंद्रित है।

यह 10+2 सिस्टम को 5+3+3+4 संरचना के साथ बदल देता है, जिसमें 12 साल की स्कूली शिक्षा और 3 साल की प्री-स्कूलिंग होती है, इस प्रकार बच्चों को पहले चरण में स्कूली शिक्षा का अनुभव होता है।

2: परीक्षाएं केवल 3, 5 और 8वीं कक्षा में आयोजित की जाएंगी, अन्य कक्षाओं का परिणाम नियमित मूल्यांकन के तौर पर लिए जाएंगे। बोर्ड परीक्षा को भी आसान बनाया जाएगा और एक वर्ष में दो बार आयोजित किया जाएगा ताकि प्रत्येक बच्चे को दो मौका मिलें।

3 : नीति में पाठ्यक्रम से बाहर निकलने के अधिक लचीलेपन के साथ स्नातक कार्यक्रमों के लिए एक बहु-अनुशासनात्मक और एकीकृत दृष्टिकोण की परिकल्पना की गई है।

4 :राज्य और केंद्र सरकार दोनों शिक्षा के लिए जनता द्वारा अधिक से अधिक सार्वजनिक निवेश की दिशा में एक साथ काम करेंगे, और जल्द से जल्द जीडीपी को 6% तक बढ़ाएंगे।

नई शिक्षा नीति सीखने के लिए पुस्तकों का भोझ बढ़ाने के बजाय व्यावहारिक शिक्षा को बढ़ाने पर ज्यादा केंद्रित है।

5 एनईपी यानी नई शिक्षा निति सामान्य बातचीत, समूह चर्चा और तर्क द्वारा बच्चों के विकास और उनके सीखने की अनुमति देता है।

6:एनटीए राष्ट्रीय स्तर पर विश्वविद्यालयों के लिए एक आम प्रवेश परीक्षा आयोजित करेगा।

7:छात्रों को पाठ्यक्रम के विषयों के साथ-साथ सीखने की इच्छा रखने वाले पाठ्यक्रम का चयन करने की भी स्वतंत्रता होगी, इस तरह से कौशल विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।

8:सरकार एनआरएफ (नेशनल रिसर्च फाउंडेशन) की स्थापना करके विश्वविद्यालय और कॉलेज स्तर पर अनुसंधान और नवाचारों के नए तरीके स्थापित करेगी।

आइए मिलकर नई शिक्षा नीति का स्वागत करते हैं साथ ही साथ अपने बच्चों के सुनहरे भविष्य की संकल्पना करते हैं।

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