आशा कार्यकर्ता के प्रेरित करने पर पति ने अपनायी नसबंदी

अमित गुप्ता
संवाददाता
उरई /जालौन डकोर ब्लॉक ऐर गांव की आशा कार्यकर्ता आरती 28 वर्ष के दो बच्चे हैं उसकी उम्र लड़की 11 वर्ष और लड़का 8 वर्ष का है उनके पिता अशोक कुमार 31 वर्ष खेती किसानी करते हैं वह गांव वालों को परिवार नियोजन के लिए जागरूक कर रही थी इसी बीच उसने अपने पति को भी स्थाई साधन नसबंदी के लाभ बताएं पत्नी द्वारा समझाने पर अशोक नसबंदी के लिए राजी हो गया इसके बाद बीसी पीएम विकास चंद की मदद से झांसी से आए सर्जन गोकुल प्रसाद ने अशोक कुमार की नसबंदी की नसबंदी के दौरान किसी तरह की समस्या नहीं हुई आशा कार्यकर्ता आरती का कहना है कि अब वह अन्य लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करेगी विश्व जनसंख्या पखवाड़े के तहत लोगों को परिवार नियोजन के स्थाई और अस्थाई साधनों को अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है इसी क्रम में अब तक इस पखवाड़े में 7 लोगों ने पुरुष नसबंदी एनएसवी को अपनाया हैमुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर एनडी शर्मा ने बताया कि परिवार नियोजन आज के दौर में जरूरत बन गई है जनसंख्या बढ़ोतरी के कई नुकसान भी हैं ऐसे में छोटे प्रभारी अच्छे होते हैं लोगों को परिवार नियोजन का महत्व समझा कर परिवार नियोजन अपनाना चाहिए अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व नोडल अधिकारी परिवार कल्याण डॉक्टर एसडी चौधरी ने बताया हैकि इस पखवाड़े में अब तक 7 पुरुष और 108 महिलाओं ने नसबंदी करा कर परिवार नियोजन अपनाया है आशा, एएनएम से कहा गया है कि मैं परिवार नियोजन सेवाओं के बारे में ज्यादा से ज्यादा प्रचार प्रसार करें बच्चों के अच्छे परिवेशके लिए दंपत्ति से भी किसी एक को परिवार नियोजन की सेवाओं का लाभ लेना चाहिए परिवार नियोजन सिर्फ महिला या पुरुष की जिम्मेदारी नहीं बल्कि यह सामान रूप से भागीदारी का काम है इसलिए पुरुष हो या महिला दोनों में से किसी एक को परिवार नियोजन अपनाना चाहिए परिवार नियोजन अपनाने में दोनों की आपसी रजामंदी जरूरी है परिवार कल्याण विशेषज्ञ ज्ञान प्रकाश ने बताया कि 11 जुलाई से चल रहे विश्व जनसंख्या पखवाड़े के दौरान अस्थाई संसाधनों में 1405 लाभार्थियों ने आईयूसीडी 1271 लाभार्थियों ने अंतरा, 470 लाभार्थियों ने पीपी आईयूसीडी अपनाई है
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