दक्षिण भारत में मनाए जाने वाला ओणम का त्योहार सेंट फ्रांसिस एकेडमी आनेपुर औरैया में बड़े धूमधाम से मनाया गया
वीरेंद्र सिंह सेंगर
औरैया। दक्षिण भारत में ये पर्व महाराजा बलि के धरती पर स्वागत के लिए मनाया जाता है। भगवान विष्णु ने वामन अवतार लेकर महाराजा बलि से दान में तीन पग जमीन मांगी थी। राजा बलि सच्चे ह्रदय के स्वामी होने के साथ साथ बहुत बड़े दानी थे। उन्होंने तीन पग जमीन लेने की हामी भर दी। तब वामन अवतार लेकर राजा बलि की परीक्षा ले रहे भगवान विष्णु ने विशाल स्वरूप अपनाया और एक पग में धरती और दूसरे पग में आसमान नाप लिया। तीसरे पग के लिए जब कुछ बचा ही नहीं तो अपना प्रण रखने के लिए राजा बलि ने अपनी छाती आगे कर दी। इस तरह उनके रहने के लिए जब जगह नहीं बची तो भगवान विष्णु ने उनको पाताल लोक में भेज दिया। इसके बाद राजा बलि हर साल सावन माह के श्रवण नक्षत्र में अपनी प्रजा की सुध लेने धरती पर आते हैं। इस दस दिनों के दौरान दक्षिण भारत में घर सजाए जाते हैं, बाजारों में खूब रौनक रहती है और पूजा पाठ के साथ साथ लोग उत्सव मनाते हैं।
ओणम का पर्व दस दिन तक चलता है। पहले और आखिरी दिन को थीरुओणम कहा जाता है। इन दस दिनों के दौरान केरल और आस पास के राज्यों में जबरदस्त आयोजन होते हैं। कथकली का डांस, सर्प नौका दौड़ जैसे खेल खेले जाते हैं और कई तरह के मेले लगते हैं। इन दिनों पुरुष फूल लाते हैं और महिलाएं इन फूलों से घर सजाती हैं और मुख्य द्वार पर रंगोली बनाती हैं। इसी आधार पर सेंट फ्रांसिस परिवार ने भी ओणम का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया इस अवसर पर विद्यालय प्रबंधक फादर राजू, प्रधानाचार्य एंटनी चाको, उप प्रधानाचार्य अनीता मेरी, विद्यालय पी०आर०ओ० गौरव कुमार पोरवाल, थॉमस जॉर्ज, जाइना थॉमस, जिस, सोविन, जोमोन, बिजी प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर जितेश आदि अध्यापक उपस्थित रहे।
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