लक्ष्मण ने शूर्पणखा को दिया दंड, रावण ने सीता का किया हरण
मनोज तिवारी ब्यूरो प्रमुख अयोध्या
अयोध्या बीकापुर ब्लॉक क्षेत्र के उमरनी पिपरी चौराहे पर आदर्श श्री रामलीला समिति द्वारा आयोजित किए जा रहे रामलीला मंचन के छठे दिन सोमवार की रात ब्लॉक प्रमुख दिनेश कुमार वर्मा द्वारा फीता काट करके रामलीला मंचन का शुभारंभ किया गया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम और रामायण के आदर्श पत्रों के जीवन चरित्र को सामाजिक और व्यवहारिक जीवन में आत्मसात किया जाना चाहिए। जिससे रामलीला मंचन का उद्देश्य सार्थक हो सके। रामलीला मंचन के छठे दिन स्थानीय कलाकारों द्वारा पंचवटी प्रस्थान, खर दूषण वध, सीता हरण आदि लीलाओं का जीवंत मंचन किया गया। सीता हरण की लीला का मंचन देख कर दर्शक भावुक हो गए। रामलीला मंचन में 14 वर्ष वनवास के दौरान भगवान राम सीता जी और लक्ष्मण जी के साथ चित्रकूट से पंचवटी के लिए प्रस्थान करते हैं। वहां पर पर्णकुटी बनाकर निवास करते हैं। अत्रि मुनि के आश्रम में अनसूया जी सीता जी को नारी धर्म का उपदेश देती हैं। लंका के राजा रावण की बहन सूपनखा कुटी के पास पहुंच कर लक्ष्मण जी से विवाह करने के लिए छल करने का प्रयास करती है। लक्ष्मण जी सूपनखा को दंड देते हैं। सूपनखा के अपमान का बदला लेने के लिए खर दूषण अपनी सेना के साथ युद्ध करने के लिए आते हैं। भगवान राम राक्षसों का संहार कर देते हैं। लंकापति रावण सुपनखा की दशा देखकर काफी क्रोधित होता है। तथा मामा मारीच को सोने के हिरन का रूप धरकर छल करने के लिए भगवान राम की कुटी के पास भेजता है। सीता जी के निवेदन पर राम और लक्ष्मण छल रूपी हिरण का शिकार करने के लिए जाते हैं। इसी दौरान रावण सन्यासी का रूप धारण करके छल कपट करके सीता जी का हरण कर लेता है। और लंका ले जाता है। रास्ते में गिद्ध राज जटायु रावण का प्रतिरोध करते हैं। रावण तलवार से पंख काट कर जटायु को घायल कर देता है और सीता जी को लंका ले जाता है। रामलीला मंचन के दौरान पवन कुमार वर्मा ने राम, पवन कुमार ने लक्ष्मण, शत्रुघ्न वर्मा ने रावण के पात्र अभिनय में अपनी छाप छोड़ी। साज सज्जा वेशभूषा और डायरेक्शन की जिम्मेदारी मोहम्मद जहीर द्वारा निभाई गई। मंचन के दौरान प्रबंधक विश्राम वर्मा, अध्यक्ष दिनेश कुमार वर्मा, जितेंद्र वर्मा सहित रामलीला समिति से जुड़े विकास पाठक, ओम प्रकाश वर्मा, धर्म चंद प्रजापति, प्रदीप वर्मा सहित रामलीला समिति के लोग व्यवस्था बनाने में लगे रहे। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कोतवाली पुलिस भी मौजूद रही। रामलीला मंचन के दौरान लक्ष्मण सुपनखा संवाद एवं रावण जटायु युद्ध का प्रसंग काफी रोचक रहा। जिसे दर्शकों द्वारा सराहा गया।
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