औरेया की चकोरी की मांग समुद्र पार बढ़ी, किसान की बदली किस्मत

May 1, 2024 - 16:55
 0  21
औरेया की चकोरी की मांग समुद्र पार बढ़ी, किसान की बदली किस्मत

वीरेंद्र सिंह सेंगर 

मुरादगंज औरैया। जनपद के कस्बा मुरादगंज से 3 की मी .दूर गांव ततारपुर खुर्द निवासी सुचेन्र्द सिंह सेंगर पुत्र ओंकार सिंह सेंगर बताते हैं कि वह ढर्रे की खेती से थक चुके थे, तब उन्होंने जनपद एटा जाकर चकोरी की खेती का अनुभव लिया, और अपने जलूपुर मौजा में चार एकड़ खेत मे 800 रु किलो का बीज मंगवाकर बो दिया, इसका बीज गाजर की भांति होता है जिससे बरसीम की तरह क्यारियां तैयार कर पहले पानी लगाया जाता है तत्पश्चात बीज फेंका जाता है, श्री सेंगर बताते हैं इसकी बुवाई सितम्बर अक्टूबर में की जाती है और इसमें लगभग एक एकड़ में 30000 रु की लागत आती है ।जिसमे 6 या 7 बार पानी लगाया जाता है और 2 बार खुरपी से निराई गुड़ाई की जाती है।

उन्होंने जानकारी दी कि यह एकड़ में यह 2 कुंतल के आसपास फसल पैदा होती है, गीली चकोरी 700 रु कुंतल तथा सूखी 2500 रु कुंतल की बिक्री होती है, एक पैर से विकलांग सेंगर बताते हैं कि इसकी मंडी गुजरात से यूरोप जाती है इसका उपयोग कॉफी के पाउडर बनाने में किया जाता है, वह यह भी बताते हैं कि उनके मन मे शुरू से ही कुछ हटके खेती करने की ललक थी, जिसे चकोरी की नकदी फसल ने पूरा कर दिया है अत: सभी किसानों को अब बाजरा, गेंहू और तिलहन की फसलों से हटकर औषधीय और नई नई किस्म की खेती पर ध्यान केन्द्रित करना होगा तभी किसान उन्नतिशील किसान बनेगा औरैया जनपद के लिए महत्वपूर्ण औषधीय खेती लाभदायक साबित होगी।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow