सरकारी ऐजेन्सियों द्वारा किसी निर्माण की गारंटी नहीं, कब टूट जाये पता नहीं

Jul 4, 2023 - 18:21
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सरकारी ऐजेन्सियों द्वारा किसी निर्माण की गारंटी नहीं, कब टूट जाये पता नहीं

अमित गुप्ता

संवाददाता

कालपी जालौन भले ही लोग कहें ठेकेदार भृष्ट इसने घोटाला किया फला निर्माण एक वर्ष भी सुरक्षित नहीं रहा पर मेरा मानना है कि ठेकेदार तो कुछ गनीमत करते हैं पर सरकारी कार्यदायी संस्थाएं व विभाग में भृष्टाचार चार जितनी बुरी तरह फैला हो भगवान ही जानता है खासकर देखा जा रहा है भाजपा सरकार में सरकारी तंत्र पूरी तरह बेलगाम है और भृष्टाचार के आकंठ तक डूबा है!

इसके तमाम उदाहरण है पर एक उदाहरण देते हैं दो वर्ष पूर्व का यमुना पट्टी के दर्जनों गांवों को सीधे कालपी नगर से जोड़ने के लिए मगरौल कालपी संपर्क मार्ग पर चार करोड़ की लागत से व्यास- गंगा (जौधर नाला) पर दो वर्ष पूर्व पुल का निर्माण कराया गया था। जिसके एप्रोच मार्ग की साइडवाल - बाढ़ और बारिश के पानी से पहले वर्ष ही टूट गई। निर्माण न होने से आवागमन में मिल रही परेशानी व दुर्घटना का भय बना हुआ है।

ग्राम मंगरौल कालपी मार्ग पर देवकली, हीरापुर, कीरतपुर, गुढ़ाखास, शेखपुर गुढ़ा, मंगरौल, पड़री, नरहान मैनूपुर नया पुरवा आदि गांव के आवागमन की सुविधा के लिए पूर्व विधायक के प्रयास से व्यास गंगा पर पुल निर्माण कार्य हेतु चार करोड़ 72 लाख 19 हजार की लागत से 70.80 मीटर लंबे पुल का निर्माण कार्यदायी संस्था राज्य सेतु निगम के द्वारा करवाया गया था। कीरतपुर के प्रधान पवनदीप निषाद ने बताया कि पुल के दोनों और 400 मीटर एप्रोच मार्ग का निर्माण कराया गया था। जिसके निर्माण में एक करोड़ 10 लाख रुपये खर्च किए गए थे। प्ले निर्माण होने के बाद सन 2022 में जुलाई अगस्त के महीने में यमुना नदी बाढ़ आने से उनके दोनों ओर बनाया गया एप्रोच मार्ग ध्वस्त हो गया था। उस समय भी ग्रामीणों ने आरोप लगाया था कि घटिया निर्माण की वजह से एप्रोच मार्ग ध्वस्त हो गया लेकिन बारिश के बाद एप्रोच मार्ग के जगह जगह गड्ढे भर दिए गए पर ध्वस्त साइडबाल का निर्माण अभी तक नही कराया गया है। दोनो ओर बोल्डर लगाकर पिच बनाई जानी थी एप्रोच मार्ग पर साइडबाल मजबूत न बनाकर घटिया किस्म का निर्माण कार्य कराकर कार्यदायी संस्था के लाखो रुपया का घोटाला का उक्त पुल गवाही दे रहा है। इस संबंध मे क्षेत्रीय विधायक विनोद चतुर्वेदी ने उक्त पुल निर्माण कार्य की जांच कराये जाने की बात कही है।फिलहाल इसी तरह तिगरेश्वर के रोड का मामला है वह भी कई जगह पहले वर्ष ही धसक गया था बाद में टीप टाप कराई गई थी पर उस रोड पर बनी पुलिया बह गई जो आज तक नहींं बनी!

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