ग्राम प्रधान ने वन विभाग की अनुमति के बिना कटवाया हरा नीम का पेड़
जिला संवाददाता
अमित गुप्ता
उरई जालौन
उरई जालौन। वर्तमान में प्रदेश की योगी सरकार में जहां कानून व्यवस्था को लेकर के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं ,वहीं वन विभाग में एक अजीब तरह का कानून बने होने का मामला सामने आया है। मामला कालपी तहसील के थाना - चुर्खी अंन्तर्गत ग्राम पंचायत सरसई का है जहां ग्राम प्रधान राजेश कुमार रजक ने वन विभाग की बिना किसी अनुमति के हरा नीम का पेड़ कटवा डाला और यह मामला करीब 8 माह पुराना हो चुका है ।लेकिन जब मीडिया के कैमरे की नजर इस कटे हुए नीम के पेड़ पर पड़ी तो मौके पर जाकर देखा तो पाया कि नीम के पेड़ की कटी हुई लकड़ी अभी भी वहीं डली हुई है और नीम के पेड़ का कटा हुआ जमीन से थोड़ा ऊंचा ठूंठ भाग अभी भी मौके पर इस बात की गवाही दे रहा है कि यह नीम का पेड़ है । वन विभाग से नीम ,शीशम, बरगद ,पीपल इत्यादि पेड़ काटने के लिये वन विभाग से अनुमति लेने के जो कानून बनाए गए हैं वह इस प्रकार हैं कि सबसे पहले आवेदक को वन विभाग के सम्बन्धित रेंन्जर को एक प्रार्थना पत्र देना होता है ।उस प्रार्थना पत्र के साथ उस आवेदक के आधार कार्ड की छायाप्रति ,उसकी एक फोटो और दस रुपए के स्टांम्प पर नोटरी सहित शपथ पत्र देना होता है कि यह पेड़ मैं कटवा रहा हूं । इसके बाद संम्बन्धित वन दरोगा के द्वारा उस प्रार्थना पत्र और उस शपथ पत्र की मौके पर जाकर के जांच की जाती है । जांच करने के समय संम्बन्धित वन दरोगा के द्वारा अपने मोबाइल से जी०पी०आर०एस० सिस्टम के द्वारा उस पेड़ के पास खड़े होकर के उस आवेदक की फोटो खींची जाती है और फीता से उस पेड़ के तना की गोलाई भी नापी जाती है ।जांच करने के उपरान्त वन विभाग के दरोगा और संम्बन्धित वन रैन्जर के द्वारा रिपोर्ट लगाकर के आख्या डीएफओ महोदय जालौन,स्थान- उरई को प्रेषित कर दी जाती है ।इसके बाद डीएफओ महोदय एक पेड़ के एवज में एक हजार रुपए की एन०एस०सी०(राष्ट्रीय बचत पत्र) पोस्ट ऑफिस में जमा करने का लिखित में आदेश देते हैं और फिर उस आवेदक के द्वारा पोस्ट ऑफिस में एक हजार रुपए की एन०एस०सी० जमा होती है ।उस एन० एस० सी० के जमा प्रार्थना पत्र में भी उस आवेदक के आधार कार्ड की छायाप्रति ,पैन कार्ड की छायाप्रति और एक फोटो लगानी होती है क्योंकि बिना पैन कार्ड की फोटो कॉपी के डाकघर में एन०एस०सी० जमा होती ही नहीं है ।इसके बाद फिर डीएफओ के द्वारा सम्बन्धित पोस्ट मास्टर को लिखित आदेश देकर के उस एन०एस०सी० को वन विभाग के डीएफओ पद नाम के साथ बंन्धक किया जाता है ।इसके बाद वन विभाग के डीएफओ साहब के द्वारा उस पेड़ को काटने की अनुमति प्रदान की जाती है । यहां यह भी उल्लेखनीय है कि यदि किसी गरीब व्यक्ति के घर के आंगन में भी नीम,शीशम ,पीपल, बरगद इत्यादि का पेड़ खड़ा है तो भी उस व्यक्ति को अपने आंगन के पेड़ को कटवाने के लिए भी उक्त पूरी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है क्योंकि वह व्यक्ति वन विभाग की परमीशन के बिना अपने आंगन का पेड़ भी नहीं कटवा सकता है ।लेकिन इसके विपरीत ग्राम प्रधान सरसई द्वारा वन विभाग की अनुमति के बिना हरा नीम का पेड़ कटवाए जाने के संम्बंन्ध में जब वन विभाग के जालौन रेंन्ज के रेंन्जर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि ग्राम प्रधान गांव का मुखिया होता है। ग्राम प्रधान को कोई भी पेड़ कटवाने के लिए वन विभाग से किसी परमीशन की जरूरत नहीं होती है ।गांव का मुखिया होने के नाते ग्राम प्रधान कोई भी हरा पेड़ कटवा सकता है । उसको वन विभाग से किसी भी प्रकार की परमीशन लेने की कोई जरूरत नहीं है।
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