गौवंशजों की हो रही दुर्दशा, गौरक्षक बेखबर
कोंच(जालौन) गोपाष्टमी पर तमाम संस्थाओं द्वारा गौवंशजों की पूजा करने का काम किया गया और क्रीज पहने हुए कपडों में फोटो खिंचवाने का कार्य किया गया और इसी के साथ अपनी जिम्मेवारियों की इतिश्री कर ली जबकि इसके उलट ठीक नवमीं को ही कोंच पडरी मार्ग पर सड़क किनारे एक गौवंशज को आवारा कुत्ते खा रहे थे और जिसे देखकर किसी भी जिम्मेदार ने उसे दफन करवाने की जहमत नही की यही गोपाष्टमी का मतलब है यह समझ से परे है जबकि गौ सेवा अनवरत चलने वाला काम है न कि बिशेष अवसरों पर फोटो खिंचवाने के लिए गौ सेवा बनाई गई है।
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