मुख्यमंत्री पर्यटन विकास सहभागिता योजना के तहत बिधायक करा सकते हैं, कालपी के दर्शनीय धार्मिक स्थलों का कायाकल्प
अमित गुप्ता
कालपी(जालौन)
कालपी/जालौन कालपी पर्यटन विभाग की ढुलमुल नीति और कालपी जैसे पौराणिक नगर की तमाम ऐतिहासिक और प्राचीन दर्शनीय धरोहरें अपना अस्तित्व खोती जा रही हैं !इनको सुरक्षित और संरक्षित कर इनका कायाकल्प करने हेतु बिधायक कालपी बिनोद चतुर्वेदी जी को आगे आना होगा ताकि नगर की अनमोल धरोहरें संरक्षित हों और पर्यटक आयें ताकि कालपी जैसे ऐतिहासिक नगर को भी देश और दुनिया के लोग जानें !
आपको बताते चलें नगर कालपी एक पौराणिक नगर है यहां व्यास मन्दिर सूर्य मन्दिर लंका मीनार चौरासी गुम्बद रंग महल रानी लक्ष्मीबाई का किला परासन में ऋषि पाराशर आश्रम ऐसी अनमोल धरोहरें हैं जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने का माददा रखती हैं परन्तु देख रेख व रखरखाव तथा पर्यटन विभाग की उपेक्षा के चलते अपना अस्तित्व खोती जा रही है इन्हें बचाने। सजाने संवारने की महती आवश्यक्ता है!
उत्तर प्रदेश सरकार ने एक योजना लागू की है जिसका नाम है मुख्यमंत्री पर्यटन विकास सहभागिता योजना इसके तहत पौराणिक एवं धार्मिक महत्व के स्थलों का विकास पर्यटन के हिसाब से किया जा सकता है इसमें जो लागत आती है उसका 50 प्रतिशत उत्तर प्रदेश सरकार देती है और 50प्रतिशत लागत व्यक्ति य संस्था य स्थानीय जन प्रतिनिधि बिधायक अपनी निधि से दे सकता है !
उक्त जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं सांसकृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी है ! उक्त योजना के तहत ऐसे तमाम धार्मिक स्थल जो ऐतिहासिक प्राचीन और पौराणिक है जंहा तमाम लोगों का आना होता है जो दर्शनीय है विभिन्न अवसरों पर दूर दूर से दर्शनार्थी आते हैं उन्हें इस योजना के तहत प्रत्येक बिधानसभा में सबसे अधिक महत्वपूर्ण स्थलों का चयन किया जाएगा और उन्हें उच्चस्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा !
उक्त सम्बन्ध मे पर्यटन मंत्री का कहना है राज्य सरकार का प्रयास है कि ज्यादा से ज्यादा लोग भृमण पर निकलें एसा जब होगा तब लोगों के नजदीक पर्यटन के विकल्प उपलब्ध होंगे! इसी उद्देश्य से सभी बिधानसभा क्षेत्रों में पर्यटन स्थल विकसित करने की तैयारी है!इससे प्रदेश में अधिक गतिविधियां बढ़ने के साथ ही लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे ! कालपी नगर ऐतिहासि व धार्मिक विरासत के लिये पहले से ही विख्यात है !यहां आध्यात्मिक एवं धार्मिक पर्यटन की असीम सम्भावनायें हैं व्यास जन्म भूमि व सूर्य मन्दिर होने के चलते श्रद्धालुओं का पसंदीदा स्थल बन सकता है !
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