आतंकवादी के मुंह पर नकाब था और कपड़े फौजी की तरह पहने हुए था. जानें आपबीती जिंदा बचे लोगों की जुबानी
: संतोष ने बताया कि गोलियां चारों तरफ से चल रही थी. इससे लग रहा था कि कई आतंकवादी हैं, लेकिन दिखाई सिर्फ एक ही पड़ रहा था जो सामने था. आतंकवादी के मुंह पर नकाब था और कपड़े फौजी की तरह पहने हुए था. जानें आपबीती जिंदा बचे लोगों की जुबानी..
रोहित कुमार गुप्ता
बलरामपुर : जम्मू में बस पर हुए आतंकवादी हमले में घायल श्रद्धालुओं ने बलरामपुर पहुंचकर घटना की जो कहानी बताई, वह रोंगटे खड़ी कर देने वाली थी. मौत के मुंह से बाहर आए घायलों ने बताया कि यदि बस खाई में ना गिरी होती तो बस में सवार कोई भी व्यक्ति जिंदा न बचता. आतंकवादी बस में सवार सभी लोगों को मौत के घाट उतारने की फिराक में थे, लेकिन बस के खाई में पलट जाने से तमाम यात्री घायल तो हो गए, लेकिन उनकी जान बच गई. बस के खाई में गिरने के बाद भी आतंकवादी 15 मिनट तक गोलियां बरसाते रहे. वहां मची चीख-पुकार सुनकर जब लोग पहुंचे तो आतंकवादी गायब हो गए।
बलरामपुर के कोतवाली नगर क्षेत्र के मधवाजोत गांव के निवासी संतोष कुमार वर्मा ने बताया कि वह बस में आगे ड्राइवर की सीट के बगल ही बैठे हुए थे. शिवखोड़ी से वापस आते समय जब बस एक मोड़ पर धीमी हुई तभी गोलियों की तड़तड़ाहट सुनाई पड़ने लगी. संतोष ने बताया पहले तो समझ में ही नहीं आया यह आवाज कैसी है और कहां से आ रही है. संतोष ने कहा कि पहाड़ी इलाका होने के कारण यह शायद पत्थर गिरने की आवाज़ है, लेकिन तभी बस के कांच टूटने लगे और बस के ठीक सामने मुंह पर नकाब डालें एक आतंकवादी दिखाई पड़ा जो बस को निशाना साधकर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा रहा था।
संतोष ने बताया कि गोलियां चारों तरफ से चल रही थी. इससे लग रहा था कि कई आतंकवादी हैं, लेकिन दिखाई सिर्फ एक ही पड़ रहा था जो सामने था. आतंकवादी के मुंह पर नकाब था और कपड़े फौजी की तरह पहने हुए था. इसी बीच एक गोली ड्राइवर की कनपटी पर आकर लगी और बस अनियंत्रित हो गई. संतोष ने बताया बस अनियंत्रित होकर खाई में गिरने लगी तब भी गोलियां चल ही रही थी. खाई में गिरने के बाद भी 15 मिनट तक आतंकवादी फायरिंग करते रहे।
गीता ने बताया कि कुछ देर रुक रुककर फायरिंग होती रही. जब लोगों की चीख पुकार मचती तो फिर तेज फायरिंग होने लगती. जो यात्री होश में थे वह एक दूसरे को चुप करा रहे थे. बस के खाई में गिरने के करीब 15 मिनट तक तेज फायरिंग की जा रही थी। आतंकवादी ऊपर से ही घात लगाकर गोलियां बरसा रहे थे. गीता देवी ने भी बताया कि यदि बस खाई में ना पलटी तो शायद कोई श्रद्धालु जिंदा न बचता।
बस में 50 से ज्यादा लोग सवार थे, इनमें से 14 लोग बलरामपुर जनपद के थे. इस हमले मे बलरामपुर के दो लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 6 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे. बुधवार की देर रात मृतक अनुराग वर्मा और रूबी का शव बलरामपुर लाया गया. गंभीर रूप से घायलों को भी बलरामपुर पहुंचने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. बुधवार की देर रात ही अनुराग वर्मा के शव का अन्तिम संस्कार कर दिया गया जबकि रुबी के शव का अन्तिम संस्कार गुरुवार को किया गया। गुरुवार को ही घायलों को जिला प्रशासन के उनके घर पहुंचा दिया है. घायलों से मिलने और घटना का आंखों देखी हाल सुनाने के लिए लोगों की भारी भीड़ घायलों के घर पहुंच रही है।
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