गंगा दशहरा पर श्रद्धालुओं ने पंचनद धाम तीर्थ क्षेत्र में लगाई आस्था की डुबकी,घाटों पर लगी रही श्रद्घालुओं की भीड़
वीरेंद्र सिंह सेंगर
पंचनद धाम औरैया। प्रदेश के ही नहीं बल्कि संपूर्ण देश में एकमात्र धार्मिक पौराणिक और एतिहासिक सांस्कृतिक स्थल पांच पवित्र यमुना-चंबल सिंध पहूज और कुंवारी के पवित्र महासंगम पंचनद धाम तीर्थ क्षेत्र में आज गंगा दशहरा पर्व पर सोमवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पंचनद संगम पर स्नान किया।
बताते चलें कि आज सुबह से ही पंचनद धाम तीर्थ क्षेत्र पर बसे सभी गांवों के लोगों ने अपने अपने घाटों पर स्नान किया वहीं दूर दराज से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने संगम तट पंचनद धाम पर आकर स्नान और दान कर पुण्य प्राप्त किया।
गौरतलब है कि पंचनद धाम संगम पर पांच नदियों यमुना, चंबल, सिंध, पहुज और क्वांरी नदियों के मिलने से यह स्थान काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यता है कि यहां पर रुककर तुलसीदास जी ने रामकथा सुनाकर रामायण के कुछ अंश लिखे यहां स्थित महाकालेश्वर मंदिर में जहां अज्ञातवास के समय भीम ने तप कर शिव आराधना कर भगवान शिव की स्थापना थी। इसके अलावा मां कर्णावती मंदिर (करन देवी) जहां के दानी राजा कर्ण के बारे में सभी जानते हैं । यहां स्थापित मां कर्णावती देवी की मूर्ति का ऊपरी भाग उज्जैन में हरसिध्दि माता के मंदिर नाम से विश्व विख्यात है, जबकि माता जी के चरण आज भी यहीं विराजमान हैं यहीं उनकी पूजा-अर्चना होती है। भारेश्वर महादेव भरेह, जालौन मांता मन्दिर आदि देव स्थानों के कारण यह स्थान विश्व विख्यात है।
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