गौसेवा के लिए 24 घंटे तैयार संस्था, मृत्यु होने पर विधि विधान से करते हैं अंतिम संस्कार
वीरेंद्र सिंह सेंगर
औरैया राष्ट्रीय सैनिक छात्र सेवा परिषद के संस्थापक व अध्यक्ष अंकित शुक्ला ने बताया की गौ-वंश बेसहारा सड़कों पर भटकते रहते हैं और कितने ही बेसहारा गौ वंश सड़क हादसों का शिकार हो जाते हैं. जो ना जाने कितने ही दिन अपने जख्मों के साथ भटकते रहते हैं. लेकिन कोई इनकी सुध नहीं लेता. लेकिन इन बेजुबानों का सहारा बनने की ठानी है राष्ट्रीय सैनिक छात्र सेवा परिषद ने जो निस्वार्थ भाव से कई सालों से गौसेवा व सामाजिक सेवा कर रही है जिसके बाद गौ सेवा की शुरूआत की गई. एक शेड बनाकर सड़क हादसों में घायल हुए गौ वंश का इलाज करना शुरु किया. इस संस्था से आज कई लोग जुड़ चुके हैं. इनमें दो रिटायर्ड डाक्टर भी शामिल हैं जो इन पशुओं का इलाज करते हैं भारत में गाय ही एकमात्र ऐसा पशु है जिसे माता कहा जाता है, लेकिन दुर्भाग्य ही कह सकते हैं कि आज भी गायें लावारिशों की तरह सड़को पर घूमतीं हुईं देखीं जातीं हैं आए दिन सड़क वह हादसे (एक्सीडेंट) का शिकार हो जाती हैं और तड़प तड़प कर अपनी जान गवां देती है ऐसे में भारत की एक ऐसी संस्था है जिसने निराश्रित दुर्घटना ग्रस्त गायों का इलाज और उनकी देखभाल करने का बीड़ा उठाया है खास बात यह है कि यह संस्था खानपान से लेकर विधि विधान से अंतिम संस्कार भी करवाती है.दरअसल गौ सेवा एवं उपचार केंद्र विगत कई वर्षो से सिर्फ गायों की सेवा में ही जुटी है संस्था का दावा है कि पूरे जिले में यह एकमात्र संस्था है जो निराश्रित गायों का उपचार कराती है गत वर्षो से यह संस्था ऐसी गायों की सेवा एवं उपचार करवा रही है जो एक्सीडेंट में घायल हो जाती हैं मौत होने पर करते है अंतिम संस्कार इसके पहले वें और उनकी टीम जहां से गायों के दुर्घटना ग्रस्त होने की सूचना मिलती थी, वहां जाकर उसका उपचार करवाते है देखभाल करते है. जो गायें जीवित नहीं रहती उनका विधि विधान से अंतिम संस्कार भी करते है संस्था अध्यक्ष अंकित शुक्ला ने बताया रोज ट्रैफिक जाम और दुर्घटनाएं हो रही हैं लोग अनजान दहशत के बीच शहर की सड़कों से गुजरते हैं,कि कहीं किसी गौ-वंश से टकरा न जाए,कहीं सड़क पर गौ-वंश की लड़ाई के बीच दुर्घटना का शिकार न हो जाएं। लोगों में दहशत और गौ-वंश की ऐसी दुर्दशा के पीछे कुछ लोगों के निजी स्वार्थ और लालच मुख्य वजह हैं। कुछ लोगों ने अपने स्वार्थ के लिए गौ-वंश के ठिकाने खत्म कर दिए,उनके चारा-पानी का इंतजाम नष्ट कर दिया। वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं,जो निस्वार्थ भाव से गौसेवा कर रहे हैं। सेवा का ये सिलसिला पिछले कई वर्षो से चल रहा है शहर के करीब पचास लोग गौ-वंश के इलाज, चारा-पानी की व्यवस्था कर रहे हैं। अपनी कमाई का कुछ हिस्सा चुपचाप गौवंश की सेवा में लगा रहे हैं। ये युवा एक उदाहरण पेश कर रहे हैं, कि सही मायने में सेवा क्या होती है शहर के युवाओं किसी प्रचार प्रसार के गौ-सेवा का काम कर रहे है। किसी सरकारी अनुदान से इनका कोई नाता भी नहीं है,न ही ये किसी से मदद मांगने जाते हैं। हर जगह से 10 से 12 युवा जुड़े हैं संस्था अध्यक्ष अंकित शुक्ला शहर की सड़कों पर मारे-मारे घूम रहे गौ-वंश के लिए छाया की व्यवस्था,चारा-पानी की व्यवस्था और इलाज तक की व्यवस्था कर रहे हैं। ये सभी ग्रुप गौ-वंश के चारा पानी की व्यवस्था करने का काम करते हैं, इसके साथ ही गौ-वंश के लिए छाया की व्यवस्था करने के लिए शहर में कई जगह टीन शेड लगाने का काम पिछले कई वर्ष से कर रही है घायल,बीमार गौ-वंश का इलाज करने का काम पिछले कई वर्षो से कर रही है दुर्घटना में घायल सैकड़ो गौ-वंश हैं,जिनमें से 55 गंभीर और बाकी सभी शरीर से या तो लाचार हैं, या इलाजरत हैं पुलिस ने भी की सराहना बारिश के मौैसम में रोजाना 15 दुर्घटनाएं तक होती है,जिनमें कम से कम 5 गौ-वंश की रोजाना जान चली जाती है। आमदिनों में भी दुर्घटना में कम से कम 2 से 3 गाय मारी जाती है,रोजाना इतनी ही गाय गंभीर रुप से घायल होती हैं। दुर्घटना रोकने के लिए संस्था ने सराहनीय पहल करते हुए डेढ साल पहले गौ-ंवश के सींग में रेडियम स्ट्रिप लगाने का अभियान शुरु किया था। जो हर साल बारिश के मौसम में विशेष रुप से किया जाता है। रेडियम स्ट्रिप लगाने से सड़कों पर मौजूद गौ-वंश शाम की कम रोशनी और अंधेर में भी नजर आ जाते हैं,जिससे दुर्घटना बच जाती है। रेडियम स्ट्रिप लगाने की ये पहल संस्था अध्यक्ष अंकित शुक्ला ने ही शुरु की थी।
वहीं गौ सेवकों का कहना है कि गौ-सेवा में परम सुख है शहर में कहीं भी गौ-वंश के घायल या बीमार होने की सूचना मिलती है,तो हम उसे गौशाला ले आते हैं,इलाज करते हैं उनके चारा- पानी की व्यवस्था करते हैं गौसेवा के काम में मदद देने खुद ही आते हैं सड़क दुर्घटना मेें न केवल गौ-वंश बल्कि लोग भी शिकार हो हमारा प्रयास रहता है कि, दुर्घटना न हो,जिससे सभी सुरक्षित रहें। इसके लिए रेडियम स्ट्रिप लगाने का काम समय- समय पर कर लेते हैं। सबकी सुरक्षा का प्रयास किया है,हमारी ये कोशिश जारी रहेगी।
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