घने कोहरे और भीषण शीतलहर के कारण मधुमक्खी पालन पर विपरीत असर लाखों का हुआ नुकसान
वीरेंद्र सिंह सेंगर
पंचनद धाम औरैया। संपूर्ण प्रदेश में जिस प्रकार भीषण शीतलहर का प्रकोप रहा उसका किसानों की तिलहन की फसलों के साथ-साथ मधुमक्खी पालन पर भी बहुत बड़ा विपरीत प्रभाव पड़ा जिससे मधुमक्खी पालक मायूस दिखाई दिए।
बताते चलें कि जिस प्रकार से भीषण शीत लहर लगातार अपना प्रकोप लगातार एक माह तक दिखाती रही उसी के तहत मधुमक्खी को जिंदा रखने के लिए उनके चारा के रूप में शकर का खर्चा वहीं शहद का समय निकल जाने के बाद मधुमक्खी पालन को लाखों का नुकसान उठाना पड़ा है वहीं पंचनद धाम क्षेत्र में बहुत समय से मधुमक्खी पालन कर रहे राजन ने इसके बारे में पूछे जाने पर बताया कि सभी मधुमक्खी पलकों को लाखों लाखों का नुकसान उठाना पड़ा है इस पर सरकार को संज्ञान लेना चाहिए।
ज्ञात हो कि लगातार बिगड़ते मौसम के मिजाज के चलते यदि यही स्थिति रही तो भविष्य में शहद के आयात निर्यात एवं आपूर्ति में बहुत बड़ा प्रभाव देखने को मिल सकता है जिससे औषधीय समस्याएं पैदा हो सकतीं हैं इसलिए सरकार को तत्काल इस और संज्ञान लेना चाहिए जिससे मधुमक्खी पालन को प्रोत्साहन मिल सके।
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