नकली खाद बेचकर किसानों को 15 वर्षो से लगाया जा रहा था चूना, खूब फल फूल रही थी नकली खाद
कोंच (जालौन)- नदीगांव में नकली खाद का कारोबार कोई नया नही है बीते 15 वर्षो से निखिल खाद भण्डार से मिलावटी खाद किसानों के साथ साथ मध्यप्रदेश एवं आस पास के जनपदों में भेजी जा रही थी स्थानीय लोग मिलावटी खाद विक्री से भली भांति परिचित थे इसलिए वह उक्त दुकान से खाद लेने में हिचकिचाया करते थे किसान तभी खाद वहां से लेते थे जब उन्हें सहकारी समितियों पर खाद नही मिला करती थी विभागीय अधिकारी भी मिलावटी खाद विक्री की बात जाना करते थे यही कारण है कि वर्षो से फल फूल रहे इस अबैध कारोबार पर जिम्मेदारों का छापा नही मारा गया छापे की कार्रवाई जिम्मेदारों को तब करनी पड़ी जब झांसी जनपद के समथर और डकोर उरई में मिलावटी खाद पकड़ी गई तब कही जाकर नकली खाद बनाने गोदामों पर कार्रवाई हुई नकली खाद का कारोबार करने बाला अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर है।
बीहड़ और मध्यप्रदेश की सीमा से सटे होने के कारण नदीगांव माफियाओ के लिए स्वर्ग से कम नही है नदीगांव से प्रदेश और मध्यप्रदेश के किसी भी शहर में आसानी से आया जा सकता है छोटे लोडर वाहन तो गांवो के रास्ते होते हुए बड़ी आसानी से पुलिस और आयकर विभाग के अधिकारियों से बचकर निकल सकते है हालांकि नदीगांव से सटे किसी भी स्थान पर पुलिस और किसी भी विभाग का बैरियर तक नही है यही कारण है कि खाद माफियाओं ने नदीगांव को अपना अड्डा बनाया वर्ष 2007 के आस पास वहां खाद की एक निजी दुकान निखिल बीज भंडार के नाम से खोली गई दुकान खोलने का मुख्य मकसद किसानों को नकली खाद बेचना रहा शुरुआत में नकली खाद विक्री का सबसे बड़ा केंद्र कोंच रहा प्रशासन के अधिकारियों ने कई बार कोंच में पकड़ी भी थी उस समय मालूम हुआ था कि खाद की आपूर्ति नदीगांव से ही हो रही है लेकिन जिम्मेदार नदीगांव के उस गोदाम तक नही पहुच पाए जहां नकली खाद तैयार हुआ करती थी अब यह कारोबार और फल फूल गया और बड़े पैमाने पर मिलावटी खाद बेची जाने लगी मेरठ मुजफ्फरनगर आदि स्थानों से जिप्सम खनिज पदार्थ लाकर डीएपी की बोरियों में पलट कर खाद के नाम पर ट्रकों में भरकर नदीगांव के रास्ते से ही मध्यप्रदेश की सीमा होकर गुजरकर प्रदेश के अन्य शहरों में खाद भेजी जाने लगी अधिकारियों को होश जब आया तब समथर उरई डकोर में डीएपी के नाम पर नकली खाद पकड़ी गई तब कृषि विभाग के अधिकारियों ने एसओजी की मदद से खाली ट्रकों का पीछा किया और पीछा करते करते नदीगांव के निखिल खाद भण्डार पर पहुच गये जहां उन्हें नकली खाद बनाने एवं डीएपी की प्रिंटिंड खाली बोरियां भारी संख्या में मिली तब कही जाकर वर्षो पुराने इस नकली खाद के व्यापार का भंडाफोड़ हो सका। ""जिला कृषि अधिकारी गौरव यादव का कहना है कि नदीगांव में नकली खाद तैयार करने में प्रयुक्त होने बाली बहुत सामग्री मिली है नकली खाद कहा कहा भेजी जाती थी और कब से यह व्यापार चल रहा था इसकी जांच की जा रही है मुख्य आरोपित निखिल अग्रबाल अभी फरार है उसके पकड़े जाने के बाद और भी जानकारी सामने आएगी।
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