दो बर्ष से बेतन न मिलने से भुखमरी की कगार पर पहुंचा ऑपरेटर
कोंच(जालौन) अगर किसी कर्मचारी को एक माह का वेतन न मिले तो दूसरे माह उसे घर चलाना मुश्किल दिखता है लेकिन मोटी पगार पाने वालों को एक छोटे कर्मचारी की पीड़ा का एहसास क्यों नहीं होता जबकि उच्च अधिकारी भी मालिक नहीं अपितु सरकार के नोकर ही है लेकिन एक नोकर दूसरे नोकर के प्रति हमदर्दी क्यों नहीं रखता मामला तहसील क्षेत्र के ग्राम पड़री का है जहां पर जल निगम की टँकी पर ऑपरेटर के पद पर ग्राम का ही निबासी सन्तोष कुमार पुत्र हुलासी नियुक्त है जिसे दो वर्षों से वेतन नहीं मिला जब वह वेतन के लिए ग्राम प्रधान के पास जाता है तो प्रधान उसे जल निगम कार्यालय जाने को बोल देता है और जब जल निगम कार्यालय जाता है तो वहां से उसे ग्राम प्रधान के पास जाने के लिए बोल देते हैं ऐसे में बेचारा वेचारा ऑपरेटर घड़ी के पेंडुलम कीतरह इधर उधर झूल रहा है और वह बगैर वेतन के भुखमरी की कगार पर पहुंच गया है उक्त के सम्बंध में टँकी ऑपरेटर सन्तोष कुमार ने दिन शनिवार को आयोजित सम्पूर्ण समाधान दिवस में एक पत्र प्रभारी अधिकारी को देते हुए वेतन दिलाये जाने की मांग की है।
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