स्वास्थ्य संबंधी डाटा में और अधिक ध्यान देने की जरूरत
संवाददाता
अमित गुप्ता
उरई(जालौन) स्वास्थ्य विभाग की ओर से पीएसआई इंडिया के सहयोग से निजी अस्पतालों के संचालकों के साथ बैठक का आयोजन मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में हुई। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एनडी शर्मा ने बताया कि स्वास्थ्य संबंधी डाटा देने में निजी चिकित्सालय की ओर से लापरवाही बरती जा रही है। जिसकी वजह से पोर्टल पर सही व पूरी जानकारी भरने में दिक्कत हो रही है। सभी निजी और सरकारी अस्पताल संचालक गंभीरता बरते। उन्होंने प्रसव के बाद तत्काल जन्म की सूचना पोर्टल पर अपडेट करने के भी निर्देश दिए। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी आरसीएच डॉ. अरविंद भूषण ने बताया कि सभी प्राइवेट अस्पताल संचालक अपने यहां आभा आईडी जेनरेट करें, जिससे मरीज के इलाज का ब्योरा पता लग सके। उन्होने निजी अस्पताल संचालकों की ओर से रिपोटिंग की जाने लगी है। यह अच्छी बात है, इसमें थोड़ा और सुधार की जरूरत है। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी परिवार कल्याण डॉ.एसडी चौधरी ने बताया कि इस वक्त पुरुष नसबंदी पखवाड़ा चल रहा है। इसमें अधिक से अधिक लाभार्थियों को लाभ दिलाए। उन्होंने बताया कि मातृ शिशु मृत्यु दर रोकने में परिवार नियोजन अपनाना बेहद जरूरी है।डीपीएम डॉ. प्रेमप्रताप ने कहा कि एचआईएमएस पोर्टल डाटा भरने से पहले अपने डाटा को क्रास चेक कर ले ताकि वह मांगी गई सूचना के अनुसार ही भरा गया है या नहीं। कई बार गलत डाटा भरने से दिक्कत होती है। डीआईईसी मैनेजर रवींद्र सिं चौधरी ने बताया कि नवजात में कोई जन्मजात बीमारी आती है तो इसकी सूचना तत्काल उनके सीएमओ कार्यालय स्थित राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम इकाई में दें ताकि उस बच्चे के इलाज में मदद की जा सके। परिवार कल्याण विशेषज्ञ ज्ञानप्रकाश पांडेय ने निजी अस्पतालों में भी फैमिली प्लानिंग कार्नर बनाने पर जोर दिया। कहा कि इस कार्नर में बास्केट आफ च्वाइस उपलब्ध होनी चाहिए जिससे परिवार नियोजन सेवाएं लेने में सहायता की जा सके। इस दौरान एसीएमएओ डॉ. वीरेद्र सिंह व पीएसआई इंडिया के प्रतिनिधि शरद श्रीवास्तव ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं की मजबूती के लिए सरकारी और निजी अस्पतालों को सहयोग करना होगा। इस मौके पर डॉ. अंजना गुप्ता, राधेश्याम सिंह, संजीव चंदेरिया, चोब सिंह, शुभकर सक्सेना, डॉ. आफताब, हरिओम, नफीस, मुकेश, मिथलेश, मोहित शर्मा आदि मौजूद रहे।
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