आवारा डोल रहे गोवंशों से किसान और यातायात बुरी तरह प्रभावित, प्रशासन मौन
अमित गुप्ता
कालपी जालौन
कालपी(जालौन) शासन के निर्देश के वावजूद गौवंशों के हाल ठीक नहीं है। आलम यह है कि नगर में अन्ना गौवंश घूमते नजर आ ही जाते है। प्रशासन गौवंश के संरक्षण के लिए ग्राम पंचायत स्तर तथा एवं नगर पालिका एवं नगर पंचायत स्तरों पर गौशालाए संचालित कर रहा है लेकिन जहा उनके खाने पीने के इंतजाम के साथ सर्दी से बचाव के भी उपाय किये गये हैं लेकिन इस व्यवस्था के वावजूद अभी भी गौवँशो के झुण्ड खेतो, सडको और अन्य सार्वजनिक स्थलो पर घूमते मिल जाएगे और न ही उनकी दशा में सुधार नहीं हो रहा है जिसकी हकीकत नगर में विचरण कर रहे गौवंशों को देखकर लगाया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार नगर पालिका प्रशासन द्वारा संचालित आलमपुर गौशाला में लगभग गौवंश रजिस्टर में 200 से अधिक गोवंश दर्ज हैं जिनके ऊपर प्रतिमाह लाखो रूपया खर्च हो रहा है लेकिन इसके बाबजूद नगर में खुलेआम सड़कों पर विचरण करते दिखाई दे रहे हैं। जबकि कई अन्ना गौवंश हाईवे पर आ जाने से दुर्घटना के शिकार भी हो जाते हैं लेकिन फिर भी नगर पालिका के प्रशासन के द्वारा इन गौवंशों के आवारा विचरण पर लगाम नहीं लगायी जा रही है और ना ही उनको पकड़कर गौशाला में बंद किया जा रहा है।जिले में 383 गौशालाएं बनी हैं। इसमें 204,198 गौवंश संरक्षित हैं। कदौरा ब्लॉक में 36608 गौवंश, महेवा ब्लॉक में 22472 गौवंश, माधौगढ़ ब्लॉक में 15823 गौवंश, रामपुरा ब्लॉक में 12483 गौवंश, जालौन ब्लॉक में 19348, कुठौंद ब्लॉक में 18885 गौवंश, कोंच ब्लॉक में 20151, नदीगांव में 25626, डकोर ब्लॉक में 32802 गौवंश संरक्षित हैं। उसके बाद भी जगह-जगह अन्ना मवेशी विचरण करते हैं।
केस-1
5 जुलाई 2023 को आटा थाना क्षेत्र कानपुर झांसी नेशनल हाईवे पर देर रात तीन छात्र कानपुर से पेपर देकर लोट रहे थे। तभी अन्ना मवेशी आ जाने से उरई निवासी धर्मेंद्र (18), कृष्णकांत (17), सत्यम पाल (16) घायल हो गए थे। जिसमें दो गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
केस-2
7 अगस्त को मिनौरा गांव निवासी बाबूराम(70)अपने साथी महेंद्र के साथ उरई स्थित मौनी बाबा मंदिर में प्रभातफेरी में शामिल होने बाइक से आ रहे थे। तभी मड़ोरा गांव के पास उसकी बाइक सड़क पर खड़े मवेशियों से टकरा गई। जिससे उसकी मौत हो गई और महेंद्र गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
केस-3
रेढ़र थाना क्षेत्र के खकसीस गांव निवासी फूलसिंह जाटव (48) शुक्रवार को काम के सिलसिले से उरई आ रहे थे। रात को जब वह बाइक से गांव लौट रहे थे। बोहदपुरा के पास अचानक सड़क पर अन्ना मवेशियों का झुंड आने से बाइक अनियंत्रित होकर भिड़ गई। इससे उनकी जान चली गई थी।
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