इंकार किए हुए 45 लोगों को फाइलेरियारोधी दवा खिला चुके चंद्रिका प्रसाद
अमेठी, 23 फरवरी 2024 फाइलेरिया बीमारी के साथ लगभग 20 साल से जी रहे हैं । अब तो कुछ भी नहीं कर पाते हैं । दवा के सहारे ही जीवन कट रहा है । जीवन बोझ बन गया है लेकिन मैं नहीं चाहता कि कोई और भी ऐसा जीवन जीये व फाइलेरिया ग्रसित हो । यह सोचकर मैं फाइलेरिया पेशेंट प्लेटफॉर्म से दो महीने पहले जुड़ा । यह कहना है ब्लॉक जामो के कटारी गाँव के रहने वाले 60 वर्षीय चंद्रिका प्रसाद ।
चंद्रिका बताते हैं कि फाइलेरिया का इलाज कई जगह करवाया । होम्योपैथिक दवा, खाई, झाँड़-फूँक कराया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ । दिसम्बर महीने में संस्था सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफॉर) के लोग आए और उन्होंने जानकारी दी कि फाइलेरिया मच्छर से होने वाला रोग है और इस रोग से बचने के लिए उपाय है कि मच्छर से बचें और फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन करें । फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन कराने के लिए जिले में 10 से 28 फरवरी तक अभियान चलेगा । फाइलेरिया पेशेंट प्लेटफ़ॉर्म से जुड़कर इस अभियान में सहयोग कर सकते हैं और लोगों को फाइलेरियारोधी दवा का सेवन करवाने के लिए प्रेरित कर सकते हैं । यह जानकारी मेरे लिए बिल्कुल नई थी कि फाइलेरिया से बचना है तो साल में एक बार फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन करना | इससे मुझे यह लगा कि मुझे लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन करने के लिए प्रेरित करना चाहिए और मैं पेशेंट प्लेटफ़ॉर्म से जुड़ गया ।
जिला मलेरिया अधिकारी शेषधर द्विवेदी बताते हैं कि सीफॉर द्वारा जनपद के तीन ब्लॉक - गौरीगंज, जामो और जगदीशपुर में फाइलेरिया पेशेंट प्लेटफ़ॉर्म बनाया गया है जिससे चंद्रिका प्रसाद सहित कई फाइलेरिया रोगी जुड़े हैं । यह रोगी 10 फरवरी से शुरू हुए आईडीए अभियान के तहत आशा कार्यकर्ता के साथ घर –घर जाकर लोगों को दवा खिला रहे हैं । जो लोग फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन करने से मना कर रहे हैं उन्हें यह लोग अपनी फाइलेरिया प्रभावित अंग दिखाकर और आपबीती सुनाकर दवा का सेवन करने के लिए तैयार कर रहे हैं । अब तक चंद्रिका प्रसाद ने ऐसे 45 लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन करवाया है जो कि पहले दवा सेवन से इंकार कर चुके थे । इसके साथ ही वह आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का सहयोग 250 लोगों को फाइलेरियारोधी दवा का सेवन करवाने में सहयोग कर चुके हैं ।
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