शिवरात्रि पर्व पर निकाली गयी कांवड़ यात्रा
कोंच(जालौन) सनातन मान्यता के अनुसार शिव भक्त रावण ने भगवान शिवजी के गले की जलन को कम करने के लिए उनका गंगाजल से अभिषेक किया था जिसमें प्रकण्ड बिद्वान रावण ने कांवड़ में जल भरकर महादेव का जलाभिषेक किया था तभी से कांवड़ यात्रा का प्रचलन शुरू हुआ इसे ले जाने का मुख्य कारण तपस्या व भक्ति भी है जिसे कांवड़िया भगवान शिवजी को प्रसन्न करने के लिए जलाभिषेक करते हैं इसी प्रथा के चलते तहसील क्षेत्र के ग्राम पड़री में दिन शुक्रवार को महाशिवरात्रि पर्व पर कांवड़ यात्रा निकाली गयी जो महादेव मंदिर से प्रारम्भ होते हुए माँ हुलका देबी मन्दिर तला वाली देवी मंदिर राधा कृष्ण मंदिर व सम्पूर्ण ग्राम में भ्रमण करते हुए शंकर महादेव मंदिर पर कांवड़ यात्रा पहूँची जहां पर शिवजी का बिधि बिधान पूर्वक जलाभिषेक किया गया वहीं हर हर महादेव के नारों से गुंजायमान होने के कारण पूरा ग्राम भक्तिमय हो गया इस दौरान आशुतोष निरंजन दीनानाथ निरंजन अभिलाषा माया देवी मुन्नी देवी अनारो देवी माधुरी सहित भारी संख्या में भक्तिगण मौजूद रहे।
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