लू (हीट स्ट्रोक) जानलेवा साबित हो सकता है
वीरेंद्र सिंह सेंगर
इटावा। शहर के सुप्रसिद्ध होम्योपैथिक चिकित्सक डा० ओमवीर सिंह का कहना है कि इससे बचाव के अन्य उपाय आजमाने के साथ पानी अधिक से अधिक पीते रहे, उन्होने बताया हम सभी धूप में घूमते है फिर भी कुछ लोगो की मृत्यु धूप में हो जाने के कारण हमारे शरीर का तापमान हमेशा 37ए डिग्री सेक्सिस रहता है। इस तापमान पर ही हमारे शरीर के सभी अंग सही तरीके से काम कर पाते है, पसीने के रूप में पानी बाहर निकलकर शरीर का टेंपरेचर उन ए सेल्सियस मेंटेन रखता है। जब बाहर का टेम्प्रेचर 45 ए डिग्री के पार हो जाता है और शरीर की कूलिंग व्यवस्था ठप्प हो जाती, शरीर का तापमान जब 42 ए सेल्सियस तक पहुँच जाता है, तब रक्त गर्म होने लगता है, लेकिन शरीर का पानी कम हो जाने हो रक्त गाढ़ा होने लगता है ब्लडप्रेशर लो हो जाता है। महत्वपूर्ण अंग (विशेषत: ब्रेन) तक ब्लड सप्लाई रुक जाती है।
बचाव
- गर्मी के दिनों में लगातार थोड़ा-थोड़ा पानी पीते रहना चाहिये, दोपहर 12 से 3 बजे के बीच घर में, कमरे या आफिस के अंदर रहने का प्रयास करना चाहिए। स्वयं को और अपने जानने वालो को पानी की कमी से ग्रसित न होने दे तथा किसी भी अवस्था में कम से कम तीन लीटर पानी जरूर दिये। जहाँ तक सम्भव हो ब्लड प्रेशर पर नजर रखे। इन दिनो ठंडे पानी से नहाएं, माँस का
प्रयोग छोड़ दें या कम से कम कर और फल व सब्जियों को भोजन में ज्यादा स्थान दें।
वहीं डॉक्टर ओमवीर ने आगे कहा कि शयन कक्ष और अन्य कमरों में दो आधे पानी से भरे ऊपर से खुले पानी को रखकर कमरे की नमी बरकरार रखी जा सकती है। इस दौरान अपने ओठों और आखों को नम रखने का प्रयत्न करें। कुछ होम्योपैथिक दवाई हीट स्टोक के पहले की दे सकते हैं जैसे इलोनाइन बेलाडीना -200, एकोनाइट -200, नट्यू मैर-20 को शक्ति देने से बहुत अच्छे परिणाम आते है। इसको लेने के लिये कुशल होम्योपैथ चिकित्सक की सलाह जरूर लें।
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