वृक्षों का अनूठा संगम बाला बहेड़ा हर्बल पार्क बना पर्यटक स्थल

May 26, 2024 - 16:58
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वृक्षों का अनूठा संगम बाला बहेड़ा हर्बल पार्क बना पर्यटक स्थल

वीरेंद्र सिंह सेंगर 

महेवा इटावा। इटावा जनपद के विकास खण्ड अन्तर्गत ग्राम बहेड़ा के हर्बल पार्क और इसमें तरह तरह के औषधीय वृक्षों एवं विभिन्न प्रजातियों के फल और धार्मिक और पौराणिक महत्व के वृक्ष आकर्षण का केंद्र बन गये हैं।

आपको बता दें कि एशिया के प्रथम महेवा विकास खण्ड के ठीक दक्षिण में लगभग 1 किलोमीटर दूर बसे बहेड़ा गांव का वृंदा हर्बल पार्क इन दिनों भीषण गर्मी में विशेष आकर्षण का केंद्र बना हुआ है जिसे देखने न केवल जनपद के ही लोग आते हैं बल्कि पास पड़ोस के जनपदों सहित अन्य प्रांतों के लोग भी इसकी ख्याति सुनकर देखने पहुँचते हैं। लगभग 3 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में बने इस पार्क में एक हजार से भी अधिक किस्म के औषधीय वृक्ष लगाए गए हैं। जिनमें विभिन्न प्रकार की तुलसी, रामफल,लक्ष्मण फल, हनुमान फल,लॉन्ग, दालचीनी, चिरायता, हाथ जोड़ मौलश्री,रतन ज्योति, मल्टी विटामिन,मिस्वाक, सुदर्शन, इन्सुलिन प्लांट, मीठा नीम, बड़ी इलायची, लाल चंदन,सफेद चंदन सहित सैकड़ों सम्मिलित हैं। इसी प्रकार फलों में काला आम, आम्रपाली आम,एग फूट, नाशपाती, स्ट्रॉबेरी, मक्खन फल, मलाई एप्पल, नाशपाती, संतरा, अंगूर अनार, आलू बुखारा,चीकू मिरकल,ए वेरी, बादाम, कृष्ण कमल, रेड फ्लैग, मक्खन फल, स्वर्ण चंपा, केंथा शरीफा, मियां जाकी, आम, नारियल तथा अमरूद की कई प्रजातियां प्रमुख रूप से शामिल है। इसी तरह धार्मिक वृक्षों में पारिजात, पारस,पीपल कल्पवृक्ष, मनोकामना वृक्ष, प्रमुख रूप से सम्मिलित हैं पार्क में बने एक्यूप्रेशर रोड पर चलने से ब्लड प्रेशर, डायबिटीज तथा इम्यूनिटी सिस्टम दुरुस्त करने वाला रोड भी बनाया गया है बच्चों के मनोरंजन के लिए एवं विभिन्न प्रकार की खेल उपकरण भी लगाए गए हैं। जानवरों में खरगोश और सफेद कबूतर जैसे पक्षी आकर्षण का केंद्र बने हैं। रात में रोशनी की इतनी खूबसूरत व्यवस्था की गई है फव्वारा की रंगीन रोशनी से पूरा पार्क झिलमिला उठता है वर्तमान में इसकी खूबसूरती निहारने के लिए हजारों की संख्या में दर्शक प्रतिदिन पहुंच रहे हैं पार्क की व्यवस्था लालमणि दुबे देख रहे हैं साथ ही वृक्षों की देखभाल का जिम्मा दर्जनों लोग संभाले हुए हैं। एक भेंटवार्ता में पार्क के संस्थापक विजय प्रताप सिंह सेंगर ने बताया कि बचपन से ही है उनका सपना रहा है, कि वह इन औषधीय वृक्षों को लगाकर यहां एक आयुर्वेदिक औषधि रिसर्च सेंटर खोल सकें। आगे भी वह औषधीय वृक्षों को विभिन्न प्रदेशों से लाकर लगाना चाहते हैं उन्हें जहां भी औषधि वृक्षों की जानकारी होती है वे वहां स्वयं जाकर औषधीय वृक्ष लाकर इस पार्क में लगवाते हैं उनका यह भी सपना है कि वह आगे और जमीन खरीद कर इस पार्क का विस्तारीकरण करेंगे ताकि आने वाले दिनों में इस पार्क की खूबसूरती में चार चांद लग सके पार्क के उत्तर दिशा में स्थित विशाल तालाब में संस्थापक विजय प्रताप सिंह वोटिंग की भी व्यवस्था करने के बारे में सोच रहे हैं। पार्क की ख्याति का अंदाजा इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि जनपद के सांसद और विधायकों के अलावा दूसरे जनपदों के सांसद विधायक और अधिकारीगण इस पार्क के अवलोकन के लिए समय-समय पर आते रहते हैं।

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