बाजार में धड़ल्ले से बिक रहा है जहरीला गुटखा,बकोध्यानं मुद्रा में स्वास्थ्य विभाग

Apr 19, 2025 - 18:44
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बाजार में धड़ल्ले से बिक रहा है जहरीला गुटखा,बकोध्यानं मुद्रा में स्वास्थ्य विभाग

 रिपोर्ट विजय द्विवेदी 

 जगम्मनपुर ,जालौन । स्वास्थ्य विभाग की बको ध्यानं मुद्रा के कारण बाजार में जहरीले गुटका सहित अनेक प्रकार के हानिकारक पेय पदार्थों की अवैध बिक्री का बाजार गर्म है जिससे देश का युवा शारीरिक रूप से अक्षम व खोखला होता जा रहा है।

 जनपद जालौन अवैध गुटखा की बड़ी मंडी के रूप में विख्यात है। गुटखा व्यापारी इतने शातिर दिमाग है कि उन्होंने जहरीले प्रोडक्ट को बाजार में इस प्रकार उतारा है जैसे इस गुटखा को खाने से ताजगी, स्फूर्ति, शक्ति, बुद्धिमत्ता विभिन्न प्रकार की एनर्जी एवं सामाजिक स्तर में सुधार आदि के गुणों का समावेश होने का प्रचार किया जाता है । न्यायालय के आदेश के परिपालन में मसाला गुटका व्यापारियों में इसे तंबाकू रहित बनाना शुरू कर दिया लेकिन साथ में तंबाकू की छोटी पुड़िया लगाकर बाजार में उतार दिया ताकि इस मसाले में तंबाकू को मिलाकर सहजता खा सको , वहीं देसी गुटका बनाने वाले बेनाम ,महाकाल जैसे तमाम नाम से बाजार में बिकने वाले गुटखा को तंबाकू का मिश्रण करके धड़ल्ले से विक्रय किया जाता है । गुटखा बनाने वाले एवं इसे बेचने वाले आखिर किसके साथ छल कर रहे हैं ? देश के साथ... सरकार के साथ.... न्यायालय के साथ... अथवा देश के भविष्य युवा पीढ़ी के साथ ......

तंबाकू के साथ गुटखा का विक्रय किया जाना सुप्रीम कोर्ट एवं भारत सरकार के आदेश का खुला उल्लंघन है। आश्चर्यजनक बात तो यह है कि होली, दीपावली, रक्षाबंधन जैसे पर्वों पर स्वास्थ्य विभाग अचानक सक्रिय हो एक्शन मूड में आकर जहरीला मावा, मिष्ठान ,दूध खोया की धरपकड़ शुरू करके दूध खोवा , मावा व्यापारियों से संतुष्ट न होने पर लाखों लीटर दूध कुंतलों खोया नाली में सड़क पर धूल में डालकर वाहवाही लूटता है, अखबारों में खबर छपवाकर अपनी पीठ थपथपाता है। अच्छा है होली दीपावली रक्षाबंधन जैसे पवित्र पर्व पर कम-से-कम 10-15 दिन बाजार में खराब माल तो नहीं ही आना चाहिए क्योंकि त्योहारों के इन 10-15 दिन में खराब पदार्थ खाने से अनेक प्रकार की बीमारियां फैलने की संभावना रहती है बाकी साल के 350 दिन तो शायद स्वास्थ्य विभाग पूरे देश प्रदेश जनपद गांव में ऐसी दवा का छिड़काव करता रहता है कि चाहे सड़ा-गला ,मिलावटी, अखाद्य पदार्थ जमकर विक्रय किया जाए , जमकर खाया पिया जाए कोई बीमारी नहीं फैलेगी !

भिंड मध्य प्रदेश में निर्मित किया गया अथवा निर्मित होना दिखाया गया 100% शुद्ध होने के गारंटी वाला बेनाम गुटका मावा सुगंधित सुपारी चूने के साथ प्रयोग करें आदि लिखकर धड़ल्ले से बिक रहा है। इस गुटखा में तंबाकू का मिश्रण है जिसे न्यायालय एवं सरकार ने आदेश का खुला उल्लंघन माना जाना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा क्योंकि जो कार्यवाही करने वाले जिम्मेदार अधिकारी है उन्हें बाजार में खुलेआम बिकने वाला यह ज़हरीला मावा मिश्रित गुटखा बाकने की शायद जानकारी नहीं है। स्वास्थ्य विभाग को तो सिर्फ दूध किराना मिष्ठान ही जहरीला दिखाई देता है जिसके विरुद्ध समय-समय पर अभियान चला कर किराना व्यापारी व दूध व्यापारी अथवा जहां दूध दही खोवा मावा निर्मित होने की जानकारी होती है वहां छापामारी करके जहरीले पदार्थ को विक्रय करने से रोक देते हैं यही नहीं इस कार्यवाही के दौरान अधिकारियों कर्मचारीयों के द्वारा अपने मतलब भर का खोया मावा आदि निकालकर शेष हजारों लीटर दूध, और सैकड़ो कुंतल खोआ मिट्टी में मिला दिया जाता है । यह सब लिखते हुए मिलावटी खाद्य पदार्थों के विक्रय का समर्थन नहीं किया जा रहा है अपितु यदि यह स्वास्थ्य विभाग आम लोगों के स्वास्थ्य के प्रति वास्तविक फिक्रमंद है तो सबसे पहले उसे बाजार में बिकने वाले गुटखा, जूस के नाम पर ब्रांडेड कंपनी के रियल जूस जो सिर्फ केमिकल से निर्मित होते हैं और संबंधित फल का एसेंस डाल दिया जाता है एवं ठंडा के नाम पर बिकने वाले हानिकारक पदार्थों पर प्रतिबंध लगाने की कार्रवाई करना चाहिए।

 प्रिंट रेट डेढ़ गुना महंगा बिकता है गुटका

बाजार में बिकने वाले बेनाम गुटका को देखा जिस पर बिक्री रेट ₹ 7 प्रिंट है लेकिन यह ₹10 का बेचा और खरीदा जाता है । आश्चर्यजनक है कि यदि सब्जी उगाने वाला किसान अपने टमाटर का ₹15 प्रति किलो का भाव बतायेगा तो बहुतायत खरीदार मोलभाव कर उसे ₹10 या उससे भी कम रेट में खरीदने का प्रयास करेगा लेकिन गुटखा पाउच पर प्रिंट 7 रुपया होने के बावजूद अपने को बहुत होशियार चतुर समझने वाला गुटखा का ग्राहक बिना प्रतिरोध किये ₹10 का खरीद कर आनंदित होता है ।

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