ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के संस्थापक बाबू बालेश्वर की 37वीं पुण्यतिथि पर संगठन के पदाधिकारियों ने दी पुष्पांजलि

May 28, 2024 - 19:11
 0  55
ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के संस्थापक बाबू बालेश्वर की 37वीं पुण्यतिथि पर संगठन के पदाधिकारियों ने दी पुष्पांजलि

कोंच,जालौन। ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के संस्थापक बाबू बालेश्वर जी की 37वीं पुण्यतिथि जिलाध्यक्ष ग्रा.प.ए शालिग्राम पांडेय की मौजूदगी में नगर के नदीगांव रोड स्थित मंसूरी मोटर्स पर संगठन के कोंच तहसील के सभी पत्रकारों की उपस्थिति में मनाई गई। एक समय था जब ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन अपने असितत्त्व की खोज में इस आशा में दर दर भटक रहा था कि उसके लिए संघर्ष करने वाला ग्रामीण पत्रकार कब लोकतंत्र के सामने आत्म विश्वास के साथ खड़ा होगा। अनेकों संसाधनों के अभाव में कड़ा संघर्ष करते हुए भी ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन को वह सम्मान प्राप्त नहीं था जिसका वह वास्तविक हकदार था। समाज के लिए संघर्ष करने वाला ग्रामीण पत्रकार ही सामाजिक उपेक्षा का शिकार था। शासन- प्रशासन की नजरों में भी वह महत्वहीन था। यदि किसी बैठक का हिस्सा बन भी जाता था तो उसका स्थान सबसे पीछे होता था। माफियाओं की शिकायत लेकर थाने में उसकी एफ आई आर भी नहीं लिखी जाती थी। 

          इन्ही झंझावातों में फंसा ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन हीन भावना से ग्रसित होकर अपने दुर्भाग्य पर आँसू बहा रहा था तभी सौभाग्य से एक ऐसा महान व्यक्तित्त्व उत्तर प्रदेश की धरा पर जन्मा जिसका नाम था बाबू बालेश्वर लाल। 1 जनवरी 1930 को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में जन्मे बाबू बालेश्वर लाल इंटर कॉलेज के प्रवक्ता रहते हुए भी ग्रामीण पत्रकारिता को पोषित कर रहे थे। ग्रामीण पत्रकार के रूप में जब उन्होंने प्रजातन्त्र की सेवा की तो उन्होंने महसूस किया कि ग्रामीण पत्रकार स्वयं को कितना असहाय अनुभव कर रहा है। ग्रामीण पत्रकारिता के मार्ग में बिखरे कांटों से बाबू बालेश्वर लाल के पैर लहूलुहान हो गए। ग्रामीण पत्रकार की दयनीय दशा देखकर बाबू बालेश्वर लाल का ह्रदय विदीर्ण हो गया और अपने थोड़े से साथियों को लेकर उन्होंने ग्रामीण पत्रकारों की समस्याओं के निराकरण हेतु 8 अगस्त 1982 को ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन का गठन कर डाला तथा 1986 में संगठन का पंजीकरण कराकर पूरे उत्तर प्रदेश में ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन का परचम लहरा दिया। *"ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन"* नाम से संगठन की आधार शिला रख कर और ग्रामीण पत्रकारिता को संगठन रूपी वृक्ष की शीतल छाया देकर बाबू बालेश्वर लाल जी 27 मई 1987 को सदा के लिए इस संसार को हमेशा के लिए छोड़ कर चले गये तथा जाते-जाते हैं "ग्रामीण पत्रकार का उत्पीड़न" ही जिनकी चिंता हो ग्रामीण पत्रकारों के ऐसे ही शुभ चिंतक हैं "ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन" उत्तर प्रदेश के वर्तमान प्रांतीय अध्यक्ष आदरणीय सौरभ कुमार व उपाध्यक्ष श्रवण कुमार द्विवेदी। इन दोनों कुमारों ने बाबू बालेश्वर लाल के सपनों को पंख देने के लिए, ग्रामीण पत्रकारों को उत्पीड़न मुक्त करने के लिए, ग्रामीण पत्रकारिता को शोषण से बचाने के लिए संगठन में नई ऊर्जा का संचार ही नहीं किया बल्कि उसे और सुदृढ़ बनाने के लिए उसका विस्तार भी किया है। आज उत्तर प्रदेश के हर जिले के ग्रामीण अंचलों में "ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन" के सदस्य मौजूद हैं। सौरभ कुमार व श्रवण कुमार के संरक्षण में संगठन से जुड़ा हर पत्रकार अपने भीतर नई ऊर्जा अनुभव कर रहा है। आज हर ग्रामीण पत्रकार बड़े बड़े प्रशासनिक अधिकारियों से वार्ता कर रहा है, निर्भीकता से उनके साक्षात्कार ले रहा है, प्रत्येक जगह उसे सम्मानित किया जा रहा है। बड़े बड़े प्रशासनिक समारोहों में उसे सम्मान पूर्वक आमंत्रित किया जा रहा है और शायद इसीलिए ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन को अपनी कार्य शैली व कार्य क्षमता दोनों पर गर्व है। यही एक ऐसा संगठन है जो ग्रामीण पत्रकार के अलावा अन्य किसी विषय पर बात ही नहीं करना चाहता है। बीते सोमवार को ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष शालिगराम पाण्डेय की अध्यक्षता कोंच तहसील में बैठक संपन्न हुई। जिसमें ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के संस्थापक बाबू बालेश्वर जी की 37वी पुण्यतिथि संगठन के सभी पत्रकारों ने पुष्पांजलि देकर मनाई और संगठन के प्रति अपने अपने विचार रखे। 

   इस दौरान तहसील अध्यक्ष कोंच लाल सिंह यादव, जिलामंत्री संतोष सोनी, संदीप अग्रवाल, तहसील प्रवक्ता जीशान राईन,बलराम सोनी, उमाकांत त्रिपाठी, संजय गोस्वामी, संतोष निरंजन, जान मोहम्मद,अवनीत गुर्जर,देवेंद्र शर्मा ,हरिओम बुधौलिया, नंदलाल चौरसिया नदीगांव,मयंक अग्रवाल, पवन राठौर,जितेंद्रकुशवाहा,निजामुद्दीन,भूरेलाल कुशवाहा,चंद्रपाल सहित समस्त ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के सभी सदस्य मौजूद रहे।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow