जल सरंक्षण - जन भागीदारी से जनपद में वर्षा की एक एक बूंद पानी को सहेजने हो रहा प्रयास-जिलाधिकारी

के के श्रीवास्तव ब्यूरो जालौन
उरई जालौन जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने जल संरक्षण, जल संवर्धन और जल संचयन के महत्व को लेकर एक महत्वपूर्ण संदेश दिया। उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए "कैच द रैन" अभियान के तहत अब जनपद में यह एक जनभागीदारी का रूप ले चुका है। जिलाधिकारी ने बताया कि जल संचयन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए प्रथम चरण में 3 हजार हेडपंपों को रिचार्ज वेल में बदलने का कार्य चल रहा है, जिसमें 2 हजार हेडपंप ग्रामीण क्षेत्रों और 1 हजार नगरी क्षेत्रों में स्थित है। जिलाधिकारी ने होटल, बारात घर, प्राइवेट स्कूल और तीन सौ वर्ग मीटर से अधिक निर्माण वाले भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को अनिवार्य बनाने की बात की। उन्होंने बताया कि सभी गौशालाओं में वर्षा के पानी को संग्रहित करने के लिए रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम कराए जा रहे हैं। जिलाधिकारी ने अपील की कि सभी प्राइवेट स्कूल और निजी भवनों के मालिक वर्षा के पानी को संरक्षित करने के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाएं। उन्होंने कहा कि इस काम को जियो टैग कर तस्वीरें संबंधित अधिकारियों को भेजी जाएं, और 26 जनवरी को जिनकी फोटो सबसे बेहतरीन होगी, उन्हें सम्मानित किया जाएगा। यह कदम जल संकट को देखते हुए बेहद महत्वपूर्ण है, और जिलाधिकारी ने सभी नागरिकों से इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेने की अपील की।
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