शारदीय नवरात्र के आठवें अषटमी दिवस पर मां के दरवारों में जवारों की धूम, कहीं सांघ तो कहीं शाष्टांग दण्डवत करते नज़र आए श्रद्धालू

वीरेंद्र सिंह सेंगर
पंचनद धाम औरैया:- संपूर्ण देश के एकमात्र सुप्रसिद्ध पौराणिक धार्मिक और ऐतिहासिक पांच नदियों का पवित्र संगम पंचनद धाम पर स्थित मां कर्णावती मंदिर पर श्रद्धालुओं की आज अपार भीड़ देखी गई चूंकि आज शारदीय नवरात्र के आठवें दिवस अष्टमी पर जवारों के साथ-साथ युवा गालों में सांघ लगवा कर चल रहे थे तथा वहीं अधिकतर महिलाएं दंडवत भरते हुए दिखाई दीं।
जैसा कि सर्वविदित है कि यह स्थान उज्जैन की हरसिद्धि माता से संबंधित है जहां कभी कनार धनी राजा कर्ण प्रतिदिन सवा मन सोना गरीब जनता को दान किया करते थे जिससे उनकी ख्याति हर जगह फैली थी जिसको सुनकर उज्जैन के राजा वीर विक्रमादित्य ने सुना तो वह चलकर करन खेरा मंदिर जो यमुना तट पर स्थित कनार के नाम से प्रसिद्ध था पर आए और राजा कर्ण द्वारा मां को प्रसन्न करने के तरीके के अनुसार कुछ दिन वहां भेष बदलकर नोकरी करने के बाद देखकर उसी प्रकार किए गए क्रिया को उनसे पहले कर देवी को प्रसन्न कर वचनबद्ध कर उनके कमर के ऊपर के हिस्से को उज्जैन ले गए जो आज भी वहां महाकाल के बराबर पधारकर सभी का आस्था का केंद्र बना हुआ है।
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