ग्रामीण क्षेत्र में नहीं हैं आवागमन हेतु सुगम रास्ते।
व्यूरो के के श्रीवास्तव जालौन
उरई जालौन विकास खण्ड रामपुरा के अति पिछड़े इलाके तथा सिंध नदी के तथास्त इलाके पर बसे गाँव बिहौड़ व जखेता की ओर जाने के लिए नहीं है सुगम रास्ते। जिसके कारण ग्रामीणों को काफी कठनाइयों का सामना करना पड़ता हैं।
विकास खण्ड क्षेत्र के सिंध नदी के किनारे तथा जनपद इटावा की सरहद के निकट बसे गाँव बिहौड़ व जखेता को मिलाने वाली सड़क अपनी बदहाली की दास्तान बया कर रही हैं। ऊँची नीची ढलानों से होते हुए ग्रामीण इन सड़कों पर चलकर अपना सफर तय करने को मजबूर है। इस इलाके की सड़कों न तो कभी मरम्मत की जाती हैं तथा न ही लोक निर्माण विभाग के अधिकारी इसकी सुध लेते हैं। बिहौड़ से जखेता के लिए जाते समय कई जगह सड़क बरसात के पानी के कारण कटाव के चलते सकरी हो चुकी हैं। सड़क के किनारे काफी गहरे गड्ढे भी हो चुके हैं। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र के गुजरने वाले ट्रैक्टर चालकों की जरा सी लापरवाही उन्हें बड़ी हानि पहुँचा सकती हैं। सड़क के किनारे खड़े बबूल के पेड़ों ने सड़क को दोनों तरफ से ढक लिया हैं। जहाँ से बाइक सवार भी धीमी गति से सुरक्षित निकालने का प्रयास करते है। सड़क की साफ सफाई न होने के कारण बरसात में बहकर आई मिट्टी सड़क के ऊपर एक मोटी परत के जम चुकी हैं। उस जगह मालूम ही नहीं पड़ता कि यहाँ पक्की सड़क विद्वान हैं य नहीं। स्वस्थ संबंधित सुविधाओं को लेने के लिए ग्रामीणों को इसी सड़क का सहारा लेना पड़ता हैं। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र की इस सड़को की मरम्मत के साथ साफ सफाई की भी अत्यधिक आवश्यकता है।
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