चपरासी के पुत्र विनोद कुमार ने UPPSC में पाई 24वीं रैंक, बने डिप्टी कलेक्टर

Jan 25, 2024 - 18:25
 0  350
चपरासी के पुत्र विनोद कुमार ने UPPSC में पाई 24वीं रैंक, बने डिप्टी कलेक्टर

उरई जालौन तहसील क्षेत्र के ग्राम उदोतपुरा के बेटे ने यूपीएससी की परीक्षा में 24वीं रैंक की परीक्षा पास कर नगर तथा क्षेत्र का गौरव बढ़ाया।इनके पिता चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी थे जिन्होंने अपने बच्चों की अच्छे संस्कार देकर शिक्षा दिलाई।इनकी प्राथमिक शिक्षा गांव में हुई इसके बाद उर ई के एस आर इंटर कालेज में हाईस्कूल की पढाई पूरी कर उर ई में ही पालिटेक्निक की परीक्षा पास की।। उदोतपुरा के गंगाराम दोहरे के पुत्र विनोद कुमार ने सिर्फ जिले का नाम रोशन किया बल्कि अपने गांव तथा क्षेत्र का नाम भी रोशन किया।गंगा राम दोहरे इंटर कॉलेज, शेखपुर बुजुर्ग, में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी थे। पिता ने लगन, मेहनत, ईमानदारी और सेवाभाव के दम पर न केवल अपने पांच बच्चों की अच्छी परवरिश की, अपितु उन्हें उच्च शिक्षा और बेहतर संस्कार देकर उच्च पदों तक पहुंचाने का भी कार्य किया। इनकी तीन पुत्रियों में 2 पुत्रियां शिक्षा विभाग में अध्यापिका हैं, जबकि तीसरी पुत्री को ससुराल वालो ने सेवा में भेजने में रुचि नहीं ली, जिनके पति पीएसी में उच्च पद पर आसीन है तीन पुत्रियों के बाद 2 पुत्रों में छोटा पुत्र मनोज कुमार, भारत की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा आई. आई. टी. क्वालीफाई करके एक प्रतिष्ठित कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं।पिता की चौथी संतान विनोद कुमार ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राइमरी स्कूल से प्रारंभ की तथा सरकारी विद्यालयों से ही हाई स्कूल, पॉलीटेक्निक, बी. टेक. की डिग्री पूर्ण की अपनी शिक्षा पूर्ण कर विनोद कुमार प्राइवेट सेक्टर में कैरियर बनाने की सोची, किंतु वहां के भेदभावपूर्ण, प्रेशर युक्त ततावपूर्ण तकनीकी माहौल में इनका मन नहीं लगा और वे लोकसेवक बनकर अपने कुल और समाज का नाम रौशन करने का सपना लेकर दिल्ली पहुंच गए वहां इन्होंने कई वर्षो तक अथक परिश्रम किया, कोचिंग ली मॉक टेस्ट दिया, किंतु सफलता अभी कोसो दूर थी। इसी बीच पिता का रिटायरमेंट भी हो गया और इनके ऊपर आर्थिक संकट के कारण तैयारी जारी रख पाना मुश्किल होने लगा, किंतु फिर भी इन्होंने हार नहीं मानी और पार्ट टाइम में न्यूज एडिटर का कार्य करके अपनी पढ़ाई जारी रखी, लेकिन जॉब के कारण तैयारी में बाधा आने लगी इसलिए इन्होंने अपना जॉब छोड़ दिया। फिर भी आर्थिक समस्या का कोई तो हल इन्हें चाहिए था। अब इन्होंने ऑनलाइन कोचिंग संस्थानों के बच्चो की टेस्ट की कॉपियां चेक करके अपनी आर्थिक समस्या का सहज समाधान ढूंढ लिय सर्वप्रथम 2020 इनकी मेहनत के परिणाम आने शुरू हुए और पहली बार इन्होंने प्री और मेंस की परीक्षा क्वालीफाई करके साक्षात्कार दिया, किंतु सफलता हाथ नहीं लगी। 2021 में भी है ये साक्षात्कार तक पहुंचे किंतु अब भी सफलता हाथों से फिसल गई, 2022 में भी ये तीसरी बार साक्षात्कार तक पहुंचे, किंतु फाइनल सिलेक्शन नहीं हुआ। इतनी असफलताओं के बाद कोई भी अपने पथ से विचलित हो सकता था, किंतु उन्होंने अपने हौसले और जब्बे को कायम रखा तथा चौथी बार पूरे मनोबल और ऊर्जा के साथ साक्षात्कार तक का सफर सफलतापूर्वक पूर्ण किया इनकी लगन, मेहनत, विनम्रता,संघर्ष और जज्बे को देखकर परमात्मा को भी अपना फैसला बदलना पड़ा और जहां विनोद कुमार अबकी बार किसी भी पद से संतुष्ट हो सकते थे, वहीं उन्हें डिप्टी कलेक्टर का सर्वोच्च पद देकर परमात्मा ने उनकी सारी मेहनत और संघर्षों का हिसाब कर दिया इस ऐतिहासिक सफलता के लिए न केवल विनोद कुमार अपितु उनके पिता गंगाराम दोहरे जी भी बधाई के पात्र हैं, जिन्होंने अपनी छोटी सी नौकरी से अपने पांच बच्चों को न केवल बेहतर शिक्षा और संस्कार देकरअपने बच्चों को अपेक्षित मुकाम तक पहुंचाया, वरन समाज के सामने जो प्रतिमान प्रस्तुत किया है, वह निश्चय ही हम सभी के लिए अनुकरणीय है निश्चय ही विनोद कुमार और उनके पिता गंगाराम की यह त्याग, तपस्या, मेहनत और संघर्ष बोधिसत्व बाबासाहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है, जिन्होंने अपना संपूर्ण जीवन देकर अपने समाज और देश के वंचितों के लिए शिक्षा और सफलता के सारे मार्ग खोल दिए। वही घर पहुंच बुधवार को तो घर बालो ने खुशी जाहिर की इस मौके पर गंगाराम दोहरे बृमहदेवी दोहरे गजराज दोहरे मनोज कुमार संदीप कुमार कुलदीप सिंह मंजेश, संजेश , विमलेश, बृजकिशोर संदीप कुमार जितेंद्र सिंह रामप्रकाश अभिलेश रामसेवक चौधरी आदि गांव से समाज के लोगों मौजूद रहे

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow