प्रीति नर्सिंग होम में बराबर हो रहा जच्चा बच्चा की जिंदगी के साथ खिलवाड़, जिम्मेदार आखिर क्यों मौन?
रिपोर्ट सोनू महाराज कालपी
कालपी (जालौन) कालपी नगर में जगह जगह प्राइवेट नर्सिंग होम जिम्मेदारों की सह पर संचालित हो रहे हैं। जिनमें आए दिन किसी न किसी की मौत हो जाती है, जो नगर में चर्चा का विषय बना हुआ है। बावजूद इसके जिम्मेदार हाथ पर हाथ धरे बैठे हुए हैं।_
गौरतलब हो कि कालपी नगर में प्राइवेट नर्सिंग होम के नाम पर अधिकांश मर्ज की दुकानें खुली हुई हैं जो दिन दहाड़े मौत बांट रही हैं। जिसमे कैंसर जैसी बीमारी को ठीक करने तक का ठेका बेझिझक ले लिया जाता है परन्तु उक्त व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर अंगूठाछाप रंगे सियार फर्जी कथित डॉक्टर बैठते हैं जो कि शहर व आसपास ग्रामीण क्षेत्रों में अपने दलाल सेट करके रखते हैं जो कि अशिक्षित व गैरजागरूक लोगों को निशाना बनाकर इन नर्सिंग होम में मरीजों को भेजते हैं। जबकि हकीकत तो यह है कि इनके पास कोई ऐसे डॉक्टर नहीं होते जिससे मरीज की हालत बिगड़ने पर वह इलाज कर सकें।_ _नतीजतन केस बिगड़ने पर तुरंत रिफर कर देते हैं ऐसा ही एक मामला कालपी कोतवाली के ग्राम देवकली का प्रकाश में आया है। सुमित पुत्र वीरेंद्र के पथरी की समस्या थी उन्होंने कालपी के प्रीति हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया। जहाँ उक्त मरीज का इलाज चला_डॉक्टरों द्वारा तब तक इलाज किया गया जब तक मरीज के परिजनों के पास रुपये थे। रुपये खत्म होते ही उसे रिफर कर दिया गया। जिसकी सोमवार को मौत हो गई परिजनों का आरोप था की मृतक सुमित की मौत सही इलाज न होने की वजह से हुई है लेकिन गरीब व अशिक्षित होने के कारण उन्होंने कोई कार्यवाही करने की हिम्मत नहीं जुटाई और 13 वर्षीय मृतक सुमित का शव अपने ग्राम देवकली ले गए। उक्त प्रकरण में प्रीति हॉस्पिटल के डॉक्टर का कहना है की मेरे द्वारा इलाज किया गया था लेकिन 1 मार्च को रिफर कर दिया गया था।
आपको बताते चले कि कालपी नगर में गैरपंजीकृत नर्सिंग होम जिम्मेदारों की खाऊं कमाऊ नीति के तहत संचालित हो रहे हैं। आज तक जिम्मेदारों द्वारा किसी नर्सिंग होम का निरीक्षण नहीं किया गया है। जिससे आए दिन किसी न किसी की मौत हो रही है। जिसमें अधिकांश नवजात शिशुओं की संख्या है। इस संबंध में जब दूरभाष के माध्यम से सीएमओ नरेंद्र देव शर्मा से प्राइवेट क्लीनिकों व नर्सिंग होमों के पंजीकृत होने की जानकारी चाही तो उन्होंने जांच कराने की बात कही।
प्रीति नर्सिंग होम में आए दिन होती नवजात शिशुओं की मौतें
कालपी नगर में हाइवे के किनारे खुले प्रीति नर्सिंग होम की कई बार खबरे प्रकाशित में आई है की बिना डॉक्टर के हॉस्पिटल संचालित हो रहा। खबरे चलने बाद इधर उधर से दबाव भी बनवाते हैं पत्रकारो पर प्रीति नर्सिंग होम वाले खबर न चलाने के लिए।_
बताते चलें की कुछ महीनों में लगभग दर्जनों शिशुओं की जान ले चुके है प्रीति नर्सिंग होम में फर्जी डॉक्टर लोग ।
एक बात और बता दे आपको की यह प्रीति नर्सिंग होम वाले पब्लिक सिटी करने में भी पीछे नहीं रहते जगह जगह बेनर और रिक्शे से एलाउंस भी नगर में कर चुके फिर भी जिम्मेदार अपनी आंखे बंद किए हुए बल्कि कई बार खबर के माध्यम से चेतावनी भी दे चुके हैं की किसी न किसी दिन बड़ी होनी का इंतजार कर रहे हैं सी एम साहब और वही कई बच्चो की जिंदगी के साथ बराबर खिलावड़ किए जा रहा प्रीति नर्सिंग होम फिर भी अधिकारी मेहरबार क्यों है।
क्या प्रीति नर्सिंग होम वाले दबंग हे य मोटी रकम अधिकारियों को देकर जच्चा बच्चा की मौत से खिलवाड़ इसीलिए किया जा रहा है।
अब देखना यह है की यह घटना होने के बाद नगर व जिले में बैठे आलाधिकारी क्या करते हैं कार्यवाही य गांधी छपे नोटों पर लगती है मोहर
खबर चलने के बाद कौन लेता है मामले को संज्ञान में।।
What's Your Reaction?