मेडिकल कॉलेज में हुआ स्तन कैंसर का सफल ऑपरेशन
अमित गुप्ता
उरई जालौन
उरई, जालौन । मेडिकल कॉलेज बनने का लाभ अब लोगों को मिलते दिख रहा है। एक स्तन कैंसर से गृसित परेशान महिला का मेडिकल कॉलेज में सफल ऑपरेशन हुआ है। महिला की जान बचाने के लिए ऑपरेशन के दौरान महिला का दाहिने तरफ का स्तन निकाल कर अलग कर दिया। अलग किए हिस्से को जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया है। ऑपरेशन के बाद महिला पूरी तरह स्वस्थ है। ग्राम मांचा तहसील मौहदा जिला हमीरपुर के निवासी महिला सुशीला देवी (37) को एक साल पूर्व स्तर कैंसर की जानकारी हुई। मरीज ने प्राइवेट अस्पतालों में दिखाया तो करीब साढ़े चार लाख रुपये का खर्चा बताया। उरई आई महिला ने मेडिकल कॉलेज में स्तन कैंसर क्लीनिक ओपीडी में जांच कराई। यहां जनरल सर्जरी विभाग के असि0 प्रो0 डॉ सुधांशु शर्मा ने जांच की। महिला को दूसरी स्टेज पर कैंसर पहुंच चुका था। 20 अप्रैल 2024 को डॉ रितिका जैन,डॉ अमन,डॉ राहुल, और एनीस्थीसिया विभाग की डॉ कीर्ति संग मेडिकल की टीम ने मेडिकल कॉलेज के ऑपरेशन थिएटर में ऑपरेशन किया।
यह ऑपरेशन करीब एक घंटे 20 मिनट तक चला।मरीज को हैपेटाइटिस भी था। मरीज का ब्लड भी बहुत कम था। दो यूनिट ब्लड चढ़ाया गया। इसके बाद मरीज को सामान्य होने के बाद ऑपरेशन किया गया। स्तन में कैंसर गांठ 10 सेमी की थी। इसमें महिला के कैंसर से ग्रसित हो चुके दाहिने स्तन और उसके आसपास का हिस्सा सर्जरी के माध्यम से निकाल दिया। महिला को 5 दिन भर्ती रखने के बाद महिला की मेडिकल कॉलेज से छुट्टी दे दी गई।
सर्जरी विभाग के असि0 प्रो0 डॉ सुधांशु शर्मा ने बताया कि कैंसर का सफल ऑपरेशन किया गया है। महिला को दूसरी स्टेज का कैंसर था। धीरे-धीरे यह कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों में बढ़ रहा था। यह ऑपरेशन नि:शुल्क किया गया है। अब महिला पूरी तरह ठीक है। महिला जनपद हमीरपुर की रहनी वाली है। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ आर के मौर्या व मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ प्रशांत निरंजन के नेतृत्व में महिला का सफल ऑपरेशन हुआ।
डॉ सुधांशु शर्मा नें बताया कि मेडिकल कॉलेज के सर्जरी विभाग में स्तन कैंसर परीक्षण क्लीनिक का संचालन किया जाता है। इसके अलावा भी महिलाएं जांच करा सकती हैं। उन्होंने बताया कि स्तन में गांठ महसूस होना स्तन से खून आना या अन्य पदार्थ का रिसाव होना, साइज में परिवर्तन होना आदि लक्षण है। यदि किसी महिला में यह लक्षण हों तो समय से जांच कराए। चिकित्सक पहले स्वयं जांच करते हैं। यदि संदेह होता है तो उसकी जांच पैथोलॉजी में कराई जाती है। महिला मरीज और उनके परिजनों ने मेडिकल के प्राचार्य और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक संग सम्पूर्ण स्टॉफ को धन्यवाद कहा।
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