क्या अपनी जाति को भी पार्टी के पक्ष में खड़ा करने में असफल होते दिखाई दे रहे सपा जिलाध्यक्ष?
जिला संवाददाता
अमित गुप्ता
उरई (जालौन) जालौन गरौठा भोगनीपुर लोकसभा सुरक्षित सीट में जनपद जालौन की तीन विधानसभा एवं झांसी की गरौठा एवं कानपुर देहात की भोगनीपुर विधानसभा को मिलाकर लोकसभा सीट को बनाया गया है।जहां पर जाति का अधिक महात्व होता है। इस सीट लोकसभा सीट पर गुर्जर वोट काफी कम मात्रा है और जो है वह भी सपा जिलाध्यक्ष दीपराज गुर्जर से दूरी बनाए हुए है क्योंकि उनके अहंकार के आगे सभी को बौना समझा जाता है यहीं कारण है कि इनकी जाति का मतदाता लोकसभा चुनाव में भाजपा के साथ खड़ा दिखाई दे रहा है । हालांकि अखिलेश यादव की पसंद के चलते इनको जिलाध्यक्ष की ताजपोशी कराई गई थी जिलाध्यक्ष की ताजपोशी होने के उपरांत अहंकार सातवें आसमान पर चढ़ गया जिससे लोगो की दूरियां बढ़ गई कांग्रेस के एक नेता कहा कि सपा के जिलाध्यक्ष कांग्रेस पार्टी को साथ लेकर नहीं चलना चाहते जबकि हकीकत यह है कांग्रेस पार्टी के सारे पदाधिकारी पूरी ताकत से सपा गठबंधन के उम्मीदवार को जिताने के लिए दिन रात एक किए हुए है इन्होंने गुर्जर समाज को भी सपा के पक्ष में करने की जहमत नहीं उठाई जिसका परिणाम है कि गुर्जर समाज बहुतायत में भाजपा के साथ खड़ा दिखाई दे रहा है जबकि पिछड़ी जाति की तीन बड़ी जातियों का बहुतायत में वोट सपा के पक्ष में जाता दिखाई देने लगा लेकिन जिलाध्यक्ष की जाति का वोट इनका प्रभाव न होने के कारण सपा से दूर जाती दिखाई दे रही है सपा को जो भी वोट क्षेत्र में मिल रहा है वह भाजपा की नाराजगी का है इन महाशय का इसमें कोई लेना देना नहीं है सबसे अधिक गुर्जर समुदाय का वोट कोंच तहसील के अंतर्गत है यदि इस वोट के लिए सपा हाई कमान कोई पहल नहीं करता तो ये वोट न चाहते हुए भी भाजपा की ओर शिफ्ट कर जाएगा।
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