सटोरियों की सजा के लिए बनना चाहिए कठोर कानून

May 24, 2024 - 18:53
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सटोरियों की सजा के लिए बनना चाहिए कठोर कानून

जिला संवाददाता 

अमित गुप्ता 

कालपी(जालौन)

कालपी/जालौन गली गाजियाबाद दिसावर श्री गणेश गोल्ड स्टार कालका बाजार न्यू पंजाब महामाया जयपुर किंग दंगल आगरा बाजार जैसे

तमाम नामों से पूरे दिन सट्टा नामक जुआ खेला जाता है जिसमें दस रूपये लगाने पर यदि नम्बर आ जाता है तो 900 रुपये मिलते हैं!वर्तमान में आईपीएल क्रिकेट टूर्नामेंट हो रहा है जिसमें टीम की हार जीत के अलावा हर ओवर हर गेंद हर खिलाड़ी पर आन लाइन दांव लगाया जा रहा है और यह दांव लगवाने वाले हर नगर कस्बा में मौजूद है! जो देश के युवाओं को नकारा और खोखला कर रहे है लोग अपनी गाढ़ी कमाई इस सट्टा नामक जुए के खेल में गवांकर जुर्म की दुनिया में जा रहे हैं इसपर रोक लगाना अति आवश्यक है !

देश मे मोदी सरकार ने तमाम पुराने कानूनों को समाप्त किया और तमाम नये कानून बनाए! ये समय की मांग थी जो शायद सही ही है ! पर सरकार ने एक नये जुर्म पर ध्यान नहीं दिया जो समाज में एक बहुत बडा़ जुर्म है जिसने न जाने कितने घर बर्बाद कर दिये आज यह जुर्म बिषबेल की तरह पनप रहा है जो समाज को खोखला कर रहा है जिसके चलते सबसे अधिक प्रभावित है देश का युवा वर्ग उस जुर्म का नाम है "सट्टा"!

आज जिस तरह शहर से लेकर गांव तक सट्टा नामक जुआं ने अपने पैर पसार लिए हैं वह निम्न वर्ग और मध्यम वर्ग के लोगों में खासकर युवाओं में बहुत तेजी से पनप रहा है जिसमे घर के घर बर्बाद और थबाह हो रहे हैं! पैसे की चाहत में और बगैर परिश्रम के अधिक धन अर्जित करने के लालच में इस आकर्षक जुयें में नाबालिग से लेकर बुजुर्ग तक फंसते जा रहे हैं! एक लगाने पर दस मिलने की चाहत में लोग हर दिन दांव लगा रहे है और अपनी गाढ़ी कमाई और बाप दादा की छोड़ी हुई सम्पति दांव में लगा कर सब कुछ गवां रहे हैं! जब सब कुछ गवां देते हैं उसके बाद मजबूरन जुर्म करने लगते हैं जिसमें चोरी राहजनी डकैती यहां तक कि मर्डर करने में भी नहीं हिचकते ! इस खेल को खिलाने वाले भी दिन पर दिन बढ़ते जा रहे हैं नगर कस्बों में तो हर गली नुक्कड़ हर चौराहे पर ये एजेंट मिल जायेंगे !पर अब तो चिंता और अधिक बढ़ गयी इन सटोरियों ने देश के दूर दराज गांवों तक अपना जाल फैला दिया है ! अगर समय रहते इन पर नकेल नहीं कसी गई तो भविष्य में इसके परिणाम भयाभह होंगे !

देश के कानून में इस महान जुर्म की सजा भी न के बराबर है हल्की फुल्की धाराओं में इन सटोरियों को थाने से ही जमानत मिल जाती है इन्हें जेल नहीं जाना पड़ता ! और इन सटोरियों को पकड़ कर पुलिस भी अपना अच्छा खासा फीलगुड कर लेती है ! शासन प्रशासन को इस ओर ध्यान देने की महती आवश्यक्ता है इनकी सजा के लिए कानून में परिवर्तन करना होगा ! इन छोटी मोटी धाराओं के चलते ये समाज के दुश्मन सटोरिये तुरंत छूट जाते हैं जिसके चलते इनके हौसले बुलंद हैं ! और दिन पर दिन इनके एजेंट बढ़ते जा रहे है जो देश के युवाओं को खोखला और नकारा बना रहे हैं साथ ही जुर्म भी बढ़ रहा है ! कानून की रक्षा समाज की सुरक्षा की सौगंध खाने वाले खाकी वर्दीधारी भी इन सटोरियों से फीलगुड करके धन उगाही कर रहे हैं !चूंकि पकड़ भी लेते हैं तो क्या कर सकते हैं !इस जुर्म की सजा के लिए देश के कानून में ऐसी कोई धारा भी नहीं जो इनको साल छै महिनें की जेल करा सके ! इसलिए भारत सरकार से निवेदन करेंगे कि सटोरियों और जुआरियों के लिए कानून में परिवर्तन कर ऐसे समाज बिरोधी तत्वों के लिए कठोर कानून बनाएं ताकि इन को भय हो और ऐसा गैर कानूनी कार्य करने से पहले दस बार सोचें!

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