कला और सृजन के रंग बिखेरती कार्यशाला का हुआ समापन

Jun 21, 2024 - 17:04
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कला और सृजन के रंग बिखेरती कार्यशाला का हुआ समापन

कोंच( जालौन) कोंच इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल एवं भारतीय जन नाट्य संघ इप्टा इकाई कोंच के संयुक्त तत्वाधान में विगत एक माह से चल रही निशुल्क ग्रीष्मकालीन बाल एवं युवा रंगकर्मी नाट्य कार्यशाला का समापन गुरूवार देर शाम गीत, संगीत और नाटकों के प्रदर्शन के साथ संपन्न हुआ। जिसमें रंगकर्मियों द्वारा मंचित माँ का बंटवारा नाटक ने उपस्थित दर्शकों को चिंतन पर विवश कर वास्तविक परस्थितियो का आइना दिखाया। 

गांधी नगर स्थित दरिद्र नारायण आश्रम में आयोजित कार्यशाला समापन समारोह की शुरुआत इप्टा गीत बजा नगाड़ा शान्ति के साथ हुई तत्प्श्चात दीप प्रज्ज्वलित कर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आगाज किया गया। समारोह में मुख्य अतिथि इप्टा के प्रांतीय सचिव डॉ मुहम्मद नईम बॉबी विशिष्ठ अतिथि शिक्षा विभाग में कार्यरत एवं साहित्यकार प्रमोद कस्तवार रहे। अध्यक्षता इप्टा कोंच के अध्यक्ष अनिल कुमार वैद एडवोकेट ने की। मंचासीन सभ्रांतजनों का स्वागत कार्यशाला के प्रभारी पारसमणि अग्रवाल सहप्रभारी दानिश अहमद ने तिलक कर किया। कोंच के सरंक्षक स्मृतिशेष श्री ठाकुर दास वैद को शब्द सुमन के माध्यम से श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए टिंकल राठौर द्वारा चिट्ठी न कोई संदेश जाने कौन सा है वो देश जंहा तुम चले गए प्रस्तुत किया। तदोपरांत रंगकर्मी प्राची सोनी एवं ख़ुशी ने अपने नृत्य को कर खूब वाह वाही लूटी । रंगकर्मी साहना खान आस्था बाजपेई कोमल अहिरवार ने जनगीत हर तरफ हर जंहा की प्रस्तुति दी। बाल रंगकर्मी नंदनी ने भी अपने नृत्य के माध्यम से दर्शको को तालियां बजाने पर विवश कर दिया। तदोपरांत जनगीत ले मशालें चल पड़े है लोग मेरे गाँव के अब अँधेरा जीत लेंगे लोग मेरे गांव के की रंगकर्मियों ने प्रस्तुति दी इसके बाद नाटक माँ का बंटवारा रंगकर्मी राधिकाराज अभि चौधरी संतोषी प्राची सोनी अनन्या ज्योति नंदनी स्नेहलता माही ख़ुशी आदि ने प्रस्तुत कर आधुनिक परिवेश में मरती मानवीय संवेदनाओं एवं बढ़ते स्वार्थ व वैमनुष्यता का चित्रण किया। .तदोपरांत जनगीत तू जिन्दा है तो जिंदगी की जीत पर यकीन कर अगर है स्वर्ग है कंही तो उतार ला जमीन पर की प्रस्तुति दी। रंगकर्मियों द्वारा लगभग एक दर्जन सांस्कृतिक कार्यक्रम जनगीत नाटक नृत्य आदि की शानदार प्रस्तुति दी गई। सांस्कृतिक कार्यक्रम के उपरांत अभि चौधरी अंकिता अनन्या राधिका राज संतोषी ज्योति नंदनी राधिका रायकवार स्नेहलता आयुष रजक रौशनी राठौर मोनी सोनल चौधरी रामराजा माही रायकवार ख़ुशी प्रांजुल प्रजापति वर्षा आदि रंगकर्मियों को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया। 

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि डॉ मुहमद नईम ने इप्टा के बारे में बताते हुए कहा कि इप्टा लोक संस्कृति की संवाहक है। यह देश का एकमात्र सांस्कृतिक संगठन है, जिसका जन्म बंगाल के अकाल की कोख से हुआ। बंगाल के अकाल पीडितों की मद्द करने के साथ-साथ इप्टा ने देश की आजादी के आन्दोलन में बढ-चढ कर हिस्सा लिया। 

विशिष्ठ अतिथि प्रमोद कस्तवार ने कहा कि भारतीय सिनेमा के विकास, साहित्य सृजन के साथ- साथ जनसंस्कृति को विकसित करने में ऐसी कार्यशालाओं का अहम् योगदान है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए इप्टा कोंच ईकाई अध्यक्ष अनिल कुमार वैद एडवोकेट ने कहा कि समाज में अच्छाई-बुराई, पाप-पुण्य, नैतिक-अनैतिक, पूँजीवादी संस्कृति बनाम जनसंस्कृति के मध्य संघर्ष चल रहा है। ऐसे में जनचेतना के माध्यम से लोगों को उनके संवैधानिक अधिकारों के प्रति जागरुक करना होगा, जिसका सशक्त माध्यम नाटक एवं गीतों की संस्कृति है।

इस अवसर पर स्वामी विवेकानंद वर्स्टाइल स्कुल के प्रधानाचार्य जीतू पाटकार, राजीव अग्रवाल उपाध्यक्ष ट्रिंकल राठौर, महासचिव साहना खान, सचिव अंकुल राठौर, सह सचिव कोमल अहिरवार, कोषाध्यक्ष आस्था वाजपेयी अमन अग्रवाल, योगेंद्र सिंह, राजकुमार प्रजापति आदि उपस्थित रहे। संचालन पारसमणि अग्रवाल ने किया जबकि आभार साहना खान ने व्यक्त किया।

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