यमुना का जलस्तर तटवर्ती क्षेत्रों में उपजिलाधिकारी ने किया निरीक्षण
जिला संवाददाता
अमित गुप्ता
कालपी(जालौन) यमुना नदी का जलस्तर दो सप्ताह में मात्र 5 मीटर की वृद्धि हुई है। तटवर्ती ग्रामों के लोगों ने राहत की सांस ली है। संभावित बाढ़ की संभावनाओं को मध्य नजर रखते हुए उप जिलाधिकारी सुशील कुमार सिंह ने शुक्रवार को यमुना नदी के तटवर्ती स्थानों का औचक निरीक्षण किया तथा व्यवस्थाओं को लेकर कर्मचारियों को आवश्यक निर्देश दिये।
केन्द्रीय जल आयोग केंद्र कालपी के प्रभारी रूपेश कुमार ने बताया कि शुक्रवार को यमुना नदी का कालपी में जल स्तर 100.70 मी दर्ज किया गया है। जबकि खतरे का लाल निशान 108 मी पर अंकित है इस दृष्टिकोण से 7:15 मी खतरे के निशान से यमुना नदी कालपी में बह रही है। इससे पहले 18 जुलाई को कालपी में यमुना नदी का जलस्तर 95.5 मीटर दर्ज हुआ था।जबकि इस वर्ष बरसात में जलस्तर 98.5 मीटर तक पहुंच चुका था। केंद्रीय जल आयोग केंद्र प्रभारी रुपेश कुमार ने बताया कि कालपी में यमुना नदी का खतरे का निशान 108 मीटर है, बरसात के पहले जलस्तर 93.5 मीटर पर था। विगत दिनों हुई बरसात से जलस्तर में थोड़ी बहुत बढोतरी तो हुई लेकिन जलस्तर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा। मालूम हो कि कोटा बैराज से पानी छोड़ने के बाद यमुना नदी के उफनाने तथा बाढ़ की संभावना बढ़ जाती हैं। लेकिन इस वर्ष अभी तक कोटा बारिश से पानी नहीं छोड़ा गया है। बताते हैं कि बरसाती पानी तथा सहायक नदियों का पानी आ जाने से यमुना नदी के जलस्तर में उछाल आ गया है। वही सम्भावित बाढ़ से निपटने के लिए प्रशासन तथा राजस्व विभाग के द्वारा यमुना नदी के तटवर्ती अलग-अलग ग्रामो में बाढ़ राहत चौकियां स्थापित कराई जा चुकी है।
फोटो - यमुना नदी के तटवर्ती क्षेत्र का निरीक्षण करते उप जिलाधिकारी सुशील कुमार सिंह
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