कोटा बैराज से पानी छोड़ने से यमुना के जलस्तर में 15 सेमी प्रति घंटा की रफ्तार से वृद्धि
ब्यूरो के के श्रीवास्तव जालौन
कालपी (जालौन) मंगलवार को यमुना नदी के जलस्तर 15 सेमी की रफ्तार से वृद्धि हुई है। तटवर्ती ग्रामों में संभावित बाढ़ की संभावनाओं को मद्देनजर रखते हुए उप जिलाधिकारी सुशील कुमार सिंह ने मंगलवार को यमुना नदी के तटवर्ती स्थानों का औचक निरीक्षण किया तथा व्यवस्थाओं को लेकर कर्मचारियों को आवश्यक निर्देश दिये। तथा सतर्क रहने को कहा है।
केन्द्रीय जल आयोग केंद्र कालपी के प्रभारी रूपेश कुमार ने बताया कि मंगलवार की सुबह 8 बजे यमुना नदी का कालपी में जल स्तर 100.04 मीटर दर्ज किया गया है। दोपहर 12 बजे जलस्तर बढ़ कर 100.50 मीटर पर पहुंच गया। जबकि दोपहर 2 बजे जल स्तर बढ़ 100.94 मीटर पर दर्ज कराया गया है। इस दृष्टिकोूथंण से प्रति घंटा की रफ्तार से वृद्धि हो रही है।नंजबकि खतरे का लाल निशान 108 मी पर अंकित है इस दृष्टिकोण से 7 मीटर खतरे के निशान से नीचे यमुना नदी कालपी में बह रही है। इससे पहले 18 जुलाई को कालपी में यमुना नदी का जलस्तधशशंर 95.5 मीटर दर्ज हुआ था।जबकि इस वर्ष बरसात में जलस्तर 98.5 मीटर तक पहुंच चुका था। केंद्रीय जल आयोग केंद्र प्रभारी रुपेश कुमार ने बताया कि कालपी में यमुना नदी का खतरे का निशान 108 मीटर है।मालूम हो कि कोटा बैराज से पानी छोड़ने के बाद यमुना नदी के उफनाने तथा बाढ़ की संभावना बढ़ गू हैं। लेकिन इस वर्ष अभी तक कोटा बारिश से पानी नहीं छोड़ा गया है। वही सम्भावित बाढ़ से निपटने के लिए प्रशासन तथा राजस्व विभाग के द्वारा यमुना नदी के तटवर्ती अलग-अलग ग्रामो में बाढ़ राहत चौकियां स्थापित कराई जा चुकी है। उपजिलाधिकारी सुशील कुमार सिंह ने राजस्व निरीक्षक राम राजा राजपूत के साथ यमुना नदी के तटवर्ती इलाकों मदारपुर, हीरापुर, शेखपुर गुढ़ा, कीरतपुर में घूम-घूम कर जायजा लिया तथा ग्रामीणों से संवाद स्थापित कर इंतजाम पर चर्चा की।
यमुना नदी के तटवर्ती क्षेत्र का निरीक्षण करते उप जिलाधिकारी सुशील कुमार सिंह
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