गौशाला ने खोली प्रधान व सचिव के भ्रष्टाचार की पोल
अमित गुप्ता
उरई जालौन
कोंच (जालौन) नदीगांव विकास खंड़ क्षेत्र के अंर्तगत पड़ने वाली ग्राम पंचायत परावर ग्राम प्रधान व सचिव की भ्रष्टाचार नीति के यह गांव विकास से कोसों दूर नजर आ रहा है।इस गांव के ग्रामीणों
की अगर मानें तो उनका कहना है कि किसानों की खेत में खड़ी फसलों को आवार गौवंशों से बचाने के लिए शासन के निर्देश पर प्रशासन ने हर गांव में गौवंशों को संरक्षित करने के लिए लाखों रुपये की लागत से गौशालाओं का निर्माण करवाया तथा गौवंशों को खाने-पीने की ब्यवस्था प्रशासन की ओर से की गयी तथा गौवंशों की सुरक्षा व उनके रखरखाव के कर्मचारियों की भी ब्यवस्था की गयी है। जिसकी सारी जिम्मेदारी ग्राम प्रधान, सचिव और पंचायत मित्र सौपी गयी है।ग्राम परावर के रहने वाले ग्रामीण योगेंद्र सिंह, सुरेन्द्र सिंह पाल, हरीबाबू, मुन्ना लाल, हमीर सिंह, संतोष सिंह, अतुल सिंह, राजकुमार, महेश सिंह, लालता, नीरज सिंह, परशुराम, मोनू, विपिन सिंह, भारत सिंह पाल, अजमेर पाल ने आरोप लगाया कि गांव में गौवंश संरक्षण के लिए बनी गौशाला में कोई पशुवंश नहीं है और न ही जानवरों के लिए भूसा-पानी की ब्यवस्था गौशाला में नहीं है गौशाला की रखरखाव के लिए तैनात किये गये कर्मचारी प्रधान व सचिव की सेवा में लगे रहते है।ग्रामीणों का आरोप है कि गौशाला से लगभग 600 मीटर तक रास्ता नहीं है तथा उबड़ खाबड़ रास्ता है फिर भी ग्राम प्रधान व सचिव ने रास्ता निर्माण दर्शा कर सरकारी धनराशि को हजम कर डाला है।ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से गौशाला के रखरखाव व फर्जी सड़क निर्माण कराये जाने की जांच करवाये जाने की मांग उठाई है।
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