जयसिंह राजा के बुंदेली लोकगीतों की प्रस्तुति पर झूमे दर्शक

के के श्रीवास्तव ब्यूरो जालौन
जालौन ( उरई ) श्रीबाराहीं देवी मेला एवं विकास प्रदर्शनी में जयसिंह राजा परमार व उनकी टीम द्वारा लोकगीतों का कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। बुंदेली लोक कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किए गीतों को सुनकर कार्यक्रम में मौजूद लोग झूमने को मजबूर हो गए श्रीबाराहीं देवी मेला एवं विकास प्रदर्शनी में गुरुवार की रात बुंदेली कलाकार जयसिंह राजा परमार एवं उनकी टीम की रोशनी पटेल, रानी कुशवाहा व अरविंद प्रजापति द्वारा बुंदेली लोकगीतों का कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मेला अध्यक्ष प्रतिनिधि पुनीत मित्तल द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्लन कर किया गया। इसके बाद गीतकार रानी कुशवाहा ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। मुख्य गायक जयसिंह राजा परमार द्वारा प्रस्तुत किए गए गीत ‘कलयुग में अब मोहन अवतार न लिइयो, नहीं तो हैरानी हुईये फिर हमसे न कहियो’ ने खूब प्रशंसा पाई। इनके द्वारा हास्य गीत ‘आरती हल्की शाली की’ ने खूब ताली बटोरी। अन्य गीत ‘बारे करवा चौथ महान, पूरी साल कहती राक्षस एक दिन कहती भगवान’ गीत ने लोगों का भरपूर मनोरंजन किया। रोशनी पटेल ने ‘तुम लइयो ढुंढाए’ गीत को सुनकर दर्शक भाव विभोर हो उठे। वहीं, रानी कुशवाहा द्वारा गाया गया ‘ऊंची अटरिया रंगभरी, चंदन जड़ी है किवड़िया’ लोकगीत को मौजूद दर्शक गद्गद हो गए। वहीं, ‘गोरी मायके में मचल गई’ व ‘कभऊं तो सयानी हुई हो धीरज धरौ’ सुनकर श्रोतागण मंत्रमुग्ध हो गए। गीत ‘जब हतौ नहीं तुमाए घरै खबावै कौ, तब काए गए थे लुवावै कौ’ सुनकर श्रोता लोटपोट हो गए। मेला प्रांगण में आयोजित बुंदेलखंडी लोकगीतों के कार्यक्रम में ढोलक कोमल कुशवाहा, हरमोनिया हर्षित, बैंजो पैड के माध्यम संजय ने लोकगीतों के आनंद को बढ़ाया। इस मौके पर मलखान दोहरे, रवि कुशवाहा, जयकरन, विकास श्रीवास्तव, जयकरन, हर्षित श्रीवास्तव, कन्हैया, कमलेश त्रिपाठी आदि मौजूद रहे।
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