यमुना के फिर से उफनाने से जल स्तर पहुंचा खतरे के निशान से मात्र पौने 4 मीटर नीचे

कालपी जालौन चम्बल नदी से पानी छोड़े जाने से फिर से रविवार को यमुना नदी के उफनाने का सिलसिला जारी रहा। कालपी में 14-15 सेमी प्रति घंटा की रफ्तार से बढ़ यमुना नदी का जलस्तर दोपहर को 104 .05 मीटर पार कर गया है। यमुना नदी में बाढ़ की संभावनाओं को देखते हुये प्रशासन ने तटवर्ती इलाकों में ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
विदित हो कि कालपी में यमुना नदी में चेतावनी का निशान 107 मीटर व खतरे का निशान 108 मीटर पर है। शनिवार की सुवह को यमुना नदी का जल स्तर 102 मीटर पर दर्ज था। फिलहाल यमुना नदी का जलस्तर 14-15 सेंटीमीटर प्रति घंटे के हिसाब से बढ़ रहा है। केन्द्रीय जल आयोग केंद्र कालपी रूपेश कुमार के अनुसार चम्बल नदी से पानी आ जाने के बाद यमुना के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है जिससे आगामी समय में यमुना का जल स्तर 105 मीटर से ऊपर पहुंचने की पूरी संभावना है। सूत्रों के मुताबिक यदि कोटा बैराज से और भी पानी छोड़ा गया तो कालपी में यमुना का जल स्तर खतरे के निशान तक भी पहुंच सकता है।
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रपटा डूबने से आधा दर्जन ग्रामों में आवागमन के लिये दो नाव को व्यवस्था
कालपी जालौन
कालपी/जालौन रविवार को फिर से यमुना नदी के उफनाने के कारण सहायक नून नदी पर मंगरोल- पड़री मार्ग का रपटा जलमग्न हो गया है। जिससे पड़री गांव की तरफ आने -जाने का मार्ग प्रभावित है। उपजिलाधिकारी अतुल कुमार ने बताया कि ग्राम प्रधान के माध्यम से राहगीरों के लिए दो नावो की व्यवस्था की गई है। उपजिलाधिकारी अतुल कुमार, नायब तहसीलदार मुकेश कुमार ने राजस्व कर्मचारियों के साथ रविवार की स्थल का दौरा किया। पुलिस को सुरक्षार्थ तैनात किया है। रपटा जलमग्न हो जाने से कालपी मुख्यालय से पड़ी,नरहान,दहेलखंड,उरकरा कला समेत आधा दर्जन ग्रामो का आवागमन प्रभावित हो गया है।
फोटो - यमुना नदी के किनारे ायब तहसीलदार मुकेश कुमार
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