हाथी पर सवार मां गजलक्ष्मी की महिलाओं ने की पूजा
कोंच(जालौन) सनातनी परंपरा में पर्वों और त्योहारों का काफी महत्व है महिलाओं द्वारा रखे जाने वाले प्रमुख व्रतों में से एक महालक्ष्मी व्रत पर महिलाओं ने हाथी पर सवार मां गज लक्ष्मी की पूजा अर्चना कर घर परिवार की सुख समृद्धि की कामना की
अश्विन मास कृष्णपक्ष की अष्टमी दिन शुक्रवार को महालक्ष्मी व्रत के अवसर पर महिलाओं ने व्रत रखकर घरों में मिट्टी से निर्मित हाथी पर सवार मां गज लक्ष्मी की पूजा अर्चना कर व्रत रखा और कथा पढ़कर घर परिवार की सुख समृद्धि की कामना की महिलाओं द्वारा सोरहा आदि पकवान भोग के लिए बनाए जाते है और सोलह गांठों वाला लाल व पीला धागा व सोलह देशी घी के दीपक और दूर्वा घास की सोलह सोलह गांठ बनाकर माता लक्ष्मी को अर्पित किए उक्त पूजा के दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखा जाता है कि माता लक्ष्मी को अर्पित किए जाने वाली प्रत्येक बस्तु सोलह की गिनती में ही होना चाहिए ने शास्त्रों के अनुसार बताया गया है कि लक्ष्मी माता उपले थाप रहीं थीं तो एक ब्राह्मण ने उनसे अपने घर आने का निवेदन किया था ब्राह्मण की बात सुनकर लक्ष्मी माता जान गईं थी कि यह सब भगवान विष्णु के कहने पर हुआ है लक्ष्मी माता ने तब उस ब्राह्मण को महालक्ष्मी व्रत रखने को कहा था उन्होंने कहा था कि 16 दिनों तक व्रत रखने और 16वें दिन रात्रि में चंद्रमा को अर्ध्य देने से तुम्हारा मनोरथ पूरा होगा तभी से सनातनी घरों में इस व्रत का प्रचलन प्रारंभ हुआ माना जाता है और महिलाओं ने बड़े ही धूमधाम से मनाई महा लक्ष्मी की पूजा अर्चना की इस मौके पर महिलाएं पारुल पटेल गायत्री देवी गुड़िया सीमा सचान पिंकी देवी ममता देवी लाली पटेल कंचन देवी आदि उपस्थित रही।
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