बरसों से अपनी पैतृक संपत्ति में भवन निर्माण को लेकर दर- दर की ठोकरे खाता घूम रहा युवक
संवाददाता
अमित गुप्ता
कालपी/ जालौन कालपी कहने को कोई समस्या इतनी बड़ी समस्या नहीं है परंतु नगर पालिका प्रशासन के कुछ लाभकारी पदों में बैठे लोगों की सेवा खुशामद न की जाए तो मामूली सी समस्या कब गंभीर रूप ले लेगी किसी को शायद ही पता चल पाए!आपको बताते चलें कि नगर पालिका कालपी सीमांतर्गत राजेपुरा मोहल्ला में पालिका प्रशासन के राजस्व विभाग की सही से सेवा खुशामद न कर पाने वाला युवक अपनी पैतृक संपत्ति में वर्षों से कब्जेदार होते हुए भी नगर पालिका प्रशासन के अभिलेखों में दर्ज होने के बावजूद भी निर्माण नहीं कर पा रहा है क्योंकि जब-जब वह निर्माण करना चाहता है पालिका प्रशासन का राजस्व विभाग उसे आंखें दिखाने लगता है जबकि पड़ोसी व्यक्ति जिसके नाम उस भू भाग का कुछ भी नहीं परंतु उस पर नगर पालिका की विशेष अनुकंपा रहती है आखिर क्यों? जबकि इतना ही नहीं पीड़ित के मुताबिक उस पर विवादित एक नहीं कई फर्जी बाड़े के मामलों के आरोप है अभी हाल ही में करोड़ों रुपए के फर्जी बैनामा कांड में भी उसका और उसके चाहते गुरु का नाम प्रकाश में आया है इसके अलावा शहर की दो वेश कीमती जमीनों पर नंबर कहीं का और चौहद्दी कहीं की दर्शाकर फर्जी तरीके से बैनामा कराए जाने के मामले सुर्खियों में है हालांकि प्रशासन भी इन संदिग्ध चेहरों द्वारा पूर्व में किए गए फर्जी बाड़े की आ रही शिकायतों को गंभीरता से ले रहा है देखना अब यह है कि परत दर परत खोलने में जुटा प्रशासन भू माफियाओं और इन भूमाफियाओं की कड़ी में शामिल लोगों के करीब कब तक पहुंच पाता है मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश शासन और उनके द्वारा गठित की गई एंटी भू माफिया टीम, नगर विकास मंत्रालय, जिले के प्रभारी मंत्री, आयुक्त झांसी मंडल झासी, जिलाधिकारी जालौन को रजिस्टर्ड डाक से बिंदुवार समस्या को लेकर एवं स्थानीय उप जिलाधिकारी व तहसीलदार कालपी को पूर्व की भांति एक बार पुनः शिकायती पत्र देकर पीड़ित ने अवगत कराया है कि शिकायतकर्ता जहीर खान पुत्र कदीर खान निवासी मोहल्ला राजेपुरा नया राम चबूतरा है प्रार्थी के बाबा कल्लू उर्फ काले खा ने सितंबर 1994 में जहीर खान के पक्ष में एक 13 * 35 के प्लाट की वसीयत की थी जिसकी चौहद्दी में पूर्व में रास्ता,पश्चिम में रिहाना का मकान उत्तर में परती प्लाट और दक्षिण में मजार जिसमें पूरब ,पश्चिम और दक्षिण में ठीक स्थिति आज भी है और बाबा की मृत्यु के बाद उनके बेटों आबिद खान, राबिद खान और कदीर खान के नाम आ गई परंतु यदि गौर से देखा जाए तो मजार शरीफ के बाद 13 * 35 के प्लाट को छोड़कर बाकी 40 * 35 के प्लाट को छोड़कर मौखिक 5 फीट का रास्ता था परंतु जब कदीर खान के पिता की मृत्यु हुई तो कदीर खान के भाइयों ने आबिद खान और राबिद खान ने कदीर खान को बताए बिना गुलौली निवासी मुस्तरी को 40 * 35 का एक प्लाट बेंच दिया क्योंकि 5 फीट का मौखिक रास्ता था इसलिए उसे न दर्शाकर रजिस्ट्रीकृत बैनामा में पूर्व में पक्का रास्ता पश्चिम में नासिर और उत्तर में मकान इनामुल्लाह और दक्षिण में मजारात दर्शाई गई मजारात का अर्थ कई मजारों से होता है शिकायतकर्ता के मुताबिक यह रजिस्ट्री सन 2013 में की गई उक्त भूमि का नंबर 657/451 दर्शाया गया है क्योंकि पिता काले खान की मृत्यु के बाद तीनों बेटों को बराबर से अधिकार आना चाहिए परंतु जब कदीर खान को छोड़कर दो भाइयों ने उपरोक्त 35*40 प्लाट बेंचा तो कदीर खान ने न्यायालय की शरण ली इधर मामला चलता रहा परंतु कोरोना काल में कदीर अस्वस्थ ज्यादा हो गए और उधर सन 2019 में मुस्तरी ने 35 * 40 के उपरोक्त प्लाट को मौखिक रास्ते का उपयोग करने वाले आशिक खान को ही बेंच दिया और नगर पालिका के राजस्व विभाग के रहमो कर्म पर उसने दीवारें भी उठा ली इतना ही नहीं शिकायतकर्ता के पिता इस दौरान बीमारी का शिकार थे और पुत्र को वसीयत और उधर भाइयों द्वारा चुपचाप बैनामा कर दिए जाने को लेकर परिवार से भी नाराज ही थे और इधर बेचारे जहीर को क्या मतलब क्योंकि उसका प्लाट 13* 35 पूर्व की तरह अलग था परंतु उसे क्या पता जो व्यक्ति रास्ते को कवर्ड कर रहा उसके पिता के विवादित प्लाट 657/451 में विवाद उत्पन्न किए हुए हैं वह अब ज़हीर की वसीयत वाली भूमि जिसका नंबर 1544 है उसे पर भी नजर लगा देगा हालांकि इस बात को नगर पालिका प्रशासन के कई जिम्मेदार दबी जुबान से स्वीकारते हैं कि उक्त प्लाट जहीर का ही है परंतु चांदी की जूती की हनक की आवाज तले दबी महसूस हो रही है आपको बताते चलें कि 657/ 451 जिसको नगर पालिका 1258/657 दर्ज कर दर्शा रही है और जहीर का एक छोटा सा प्लांट 13* 35 जो नगर पालिका परिषद कालपी में 1544 दर्ज है फिर भी वह हर थाना दिवस समाधान दिवस के अलावा आए दिन अधिकारियों की आरजू मिन्नत करते घूम रहा है परंतु प्रशासन बजाए हकीकत में समस्या निस्तारण के भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबे अधीनस्थों की रिपोर्ट के सहारे कर्तव्यों की इति श्री कर रहे हैं सोचनीय पहलू यह है कि क्या इससे सरकार की मंशा की सार्थकता सिद्ध होगी!
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एसडीएम कालपी ने जांच हेतु राजस्व, पुलिस और नगर पालिका प्रशासन की बनाई संयुक्त टीम
कालपी! उप जिलाधिकारी कालपी हेमंत पटेल से पीड़ित युवक ने मिलकर अपनी आपबीती सुनाई समस्या को गंभीरता से सुनते हुए श्री पटेल ने उक्त प्रकरण की जमीनी हकीकत समझने हेतु राजस्व विभाग, पुलिस विभाग और नगर पालिका प्रशासन की संयुक्त टीम बनाकर उक्त प्रकरण की सही रिपोर्ट तलब की है!
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दूध का दूध पानी का पानी किया जाएगा- सिंह
कालपी!तहसीलदार कालपी शेर बहादुर सिंह ने पीड़ित को इस मामले में निष्पक्ष जांच का पूर्ण आश्वासन दिया उन्होंने कहा कि यह मामला काफी दिनों से चल रहा है इसकी सच्चाई शीघ्र सामने आ जाएगी दूध का दूध पानी का पानी करके ही दम लिया जाएगा जो दोषी पाए जाएंगे उनके विरुद्ध कठोरतम वैधानिक कार्रवाई हेतु पहल की जाएगी!
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आर आई नपा ने कोर्ट में विवाद बताकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ा
कालपी! नगर पालिका परिषद कालपी के अधिशासी अधिकारी वेद प्रकाश यादव ने उक्त प्रकरण की जांच की आख्या राम भुवन सिंह से मांगी जिस पर उन्होंने बजाये मौके पर जाकर पंजीकृत बैनामों एवं मौके पर स्थलीय भूमि का पैमाइश किए बगैर ही न्यायालय में विवाद विचाराधीन बताकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने की बखूबी कोशिश की है जबकि कोर्ट में विचाराधीन मामला भवन क्रमांक 1298/ 657 का है जबकि यह मामला मकान नंबर 1544 का है और यह बात आर आई नगर पालिका भी बखूबी जानते हैं!
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हम अपनी जिम्मेदारी पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करेंगे- पुलिस
कालपी !कालपी क्षेत्राधिकारी डॉक्टर देवेंद्र पचौरी ने कहा कि पुलिस सुरक्षा एवं शांति व्यवस्था के लिए है और यह मामला राजस्व और नगर पालिका प्रशासन से संबंधित है फिर भी जब संबंधित अधिकारी पुलिस का जहां सहयोग चाहेंगे निष्पक्ष कार्रवाई हेतु पुलिस सेवा में सदैव तत्पर रहेगी!
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