बसंत मेले हिन्दू-मुस्लिम एकता की दिखी मिसाल
अमित गुप्ता
कालपी जालौन
कालपी(जालौन) बुधवार को बसंत पंचमी के अवसर पर यमुना नदी के तट में स्थित विख्यात मदार साहब के मेले में हिंदू मुस्लिम एकता तथा सद्भाव का संगम दिखाई दिया। दम मदार बेड़ा पार के नारों से माहौल गुंजायमान रहा।
गौरतलब हो कि कालपी नगर से 2 किमी. के फ़ासले में ग्राम मदारपुर में हर साल बसंत पंचमी का मेला लगता है। बुधवार की सुबह सद्भाव के प्रतीक सफेद झंडा फहराकर बसंत पंचमी मेले का शुभारंभ हुआ। यमुना नदी के तट में हजरत मदार साहब ने लंबे अरसे तक बियावन जंगल में तपस्या की थी, बताते हैं कि तत्समय जंगल में रह रहा एक शेर राहगीरों पर हमला करता रहता था। इसकी खबर मिलने पर मदार साहब ने शेर को पत्थर का बना दिया, पत्थर नुमा शेर आज भी मदार साहब के आस्ताने के परिसर में स्थापित है। जिन-जिन लोगों की मनोकामनाएं पूरी होती है, तो श्रद्धालु मलीदा चढ़कर परसाद के रूप में वितरण करते हैं। तमाम अभिभावक तथा माताओं के द्वारा मेले परिसर में अपने-अपने नवजात बच्चों के सिर के बालों का मुंडन कराया जाता है। इसी तरह तमाम श्रद्धालुओं के द्वारा अपनी-अपनी मन्नतों के लिए कौढ़ी निछावर की गई।
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